चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघण्टा की पूजा करने का विधान है। देवी ने कठिन तप कर जब भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था तब वह चंद्रघण्टा बनी थीं। मां चंद्रघण्टा सदैव युद्ध की मुद्रा में विराजमान रहती हैं।