पौराणिक कथा के अनुसार गौतम ऋषि ने इंद्र देव को श्राप दे दिया, जिससे इंद्रदेव भयभीत हो गए और क्षमा याचना करने लगे। गौतम ऋषि ने श्राप से मुक्ति के लिए माघ माह में गंगा स्नान करने को कहा, इससे इंद्रदेव के पाप और श्राप खत्म हो गए। तभी से माघ माह में स्नान दान का महत्व है।