श्रीहरि विष्णु ने द्वापर युग में श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया था। यह श्रीहरि का आठवां अवतार था। द्वापर युग भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से संपूर्ण रहा, तो वहीं भगवान ने धर्म की स्थापना के मार्ग में कई श्रापों का भी भोग किया।