भगवान शिव का पूरा वर्ण गोरे रंग का बताया जाता है। जिसकी वजह से भगवान शंकर को 'कर्पूर गौरं करुणावतारं' कहते हैं। करूणावतार शिव का कंठ नीले रंग का है और भगवान शिव का कंठ विष पीने की वजह से नीला हुआ था।