बैसाखी का पर्व न सिर्फ फसलों के पकने का संकते देता है, बल्कि सिख धर्म के नववर्ष का भी प्रतीक होता है। सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी ने बैसाखी पर्व के मौके पर खालसा पंथ की स्थापना की।