हर व्यक्ति को उसके कर्म के आधार पर फल प्राप्त होता है। जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है, उसी के आधार पर भाग्य व हाथ की रेखाएं निर्मित होती हैं। कुंडली में ज्योतिष के अलावा हस्तरेखा ज्योतिष में भी गजलक्ष्मी योग बनता है।