ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की स्थिति और उनके विभिन्न संयोग व्यक्ति के जीवन के तमाम पहलुओं को प्रभावित करता है। इसमें दिशाबोध की भावना शामिल है। कुंडली में मौजूद कुछ ग्रहों और ग्रहों के संयोजन को दिशाभ्रम और भटकने से जुड़ा माना जाता है।