हिंदू धर्म में देवी दुर्गा को तीन सबसे शक्तिशाली देवों ब्रह्मा, विष्णु और शिव की रचना के रूप में बताया जाता है। नवरात्रि में दुर्गा पूजा का उत्सव काफी अहम माना जाता है। वहीं नवरात्रि के अलावा भी भक्त मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं। पूरे भारतवर्ष में दुर्गा पूजा का उत्सव काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। मां दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए जातक विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसे में आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए दुर्गा पूजा की विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।
पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के मुताबिक जब महिषासुर ने ब्रह्मा जी को तपस्या कर प्रसन्न किया। तब ब्रह्मा जी ने उसको अमर होने का वरदान दिया था। ऐसे में अमर होने का वरदान पाने के बाद महिषासुर अत्याचार करने लगा। जिसकी वजह से देवी-देवता परेशान हो गए और सभी ने मिलकर महिषासुर का सामना किया। लेकिन सभी देवी-देवता महिषासुर के साथ युद्ध में पराजित होने लगे। जिसके बाद सभी देवी-देवताओं ने अपनी-अपनी शक्तियों के द्वारा मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की। धार्मिक मान्यता है कि मां दुर्गा ने महिषासुर से युद्ध नौ दिनों तक युद्ध किया। फिर दसवें दिन महिषासुर का वध कर दिया था।
ऐसे करें दुर्गा पूजा
दुर्गा पूजा कई तरह से की जाती है। इसके लिए आप घर में मां दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति विराजमान कर लें। फिर रोजाना उनकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें। मां दुर्गा प्रसन्न होकर अपने भक्तों को अभय का वरदान देती हैं। वहीं मां दुर्गा की पूजा से जातक के जीवन में आने वाली परेशानियों का अंत होता है।