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वास्तु दोष, गलत जगह पर किचन बनने से चली जाती है घर की सुख शांति, आइये जानते है इससे कैसे बचा जाये

By Astro panchang | Jan 30, 2022

हमारे शास्त्रों के अनुसार नए घर में वास्तु के हिसाब से कमरे होने चाहिए। जिससे घर में सुख शांति बनी रहे और घर नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहे। बाकि घर के सारे हिस्सों के जैसे हमारे किचन की भी हमारे घर में अहम् हिस्सा होता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार किचन को ऊर्जा का केंद्र माना गया है। अगर किचन गलत दिशा में हो तो उसमे पकाया गया गया खाना आपके स्वास्थ के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके साथ साथ इसका असर आपके आय पर भी पड़ता है। इसका असर सबसे पहले घर की महिलाओ पर पड़ता है। किचन में कौन सी चीज़ कहाँ होनी चाहिए, किस दिशा में चूल्हा रखना चाहिए ये सब हमारे लिए जानना बहुत ज़रुरी है। आइये देखते हैं वास्तुशास्त्र के अनुसार किचन कैसा और कहाँ होना चाहिए इसके और जानते हैं इसके कुछ टिप्स -
1. नए घर में वास्तु के अनुसार किचन हमेशा आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व ) दिशा होना सर्वश्रेष्ठ है। किसी कारण से अगर आग्नेय कोण में किचन नहीं बन पाया हो तो आप किचन को उत्तर-पश्चिम दिशा में बनवा सकते है। एक बात का ध्यान अवश्य दें की किचन कभी भी उत्तर पूर्व में ना हो नहीं तो परिवार में हमेशा स्वास्थ ख़राब रहने की शिकायत होगी। अगर ऊपर दिए दोनों दिशाओँ में किचन बन पाना संभव ना हो पाए तब वास्तु दोष दूर करने के लिए किचन के उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण में सिंदूरी गणेश जी की तस्वीर लगा सकते है।
2. किचन बनाते समय ये ध्यान रखना चाहिए की यह कभी भी नैऋत्य कोण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं बनना चाहिए। इससे हमारे परिवार के सदस्यों के उन्नाति में बाधा आ सकती है। और इससे परिवार वालो के आपसी रिश्तो में भी दरार आने लगती है।
3. चूल्हा हमेशा आग्नेय कोण में या उत्तर या पूर्व दिशा में रखें तो अच्छा होगा। किचन में स्लैब पूर्व व दक्षिण को घेरता हुआ होना चाहिए। किचन में अगर अलमारी हैं तो उसे पश्चिम या दक्षिण में होना चाहिए।
4. किचन में सिंक उत्तर में होना चाहिए। या फिर ईशान कोण में होना चाहिए। नल में कभी भी पानी नहीं चूना चाहिए। इसे बहुत अशुभ माना जाता है और इससे धन की हानि होती है। भोजन बनाते समय मुख पूर्व में होना चाहिए। उत्तर और दक्षिण में बिल्कुल नहीं होना चाहिए।
5. किचन का दरवाज़ा उत्तर, पूर्व में खुलना चाहिए। खिड़की का दरवाज़ा भी उधर ही खुलती हो जिससे सूरज की किरणे अंदर आ सकें। ये बहुत अच्छा और शुभ माना गया है।
6. किचन के दीवारों का रंग हल्का होना चाहिए जैसे सफ़ेद, ग़ुलाबी या क्रीम कलर। आजकल हल्के पीले और नारंगी रंग का भी प्रयोग हो रहा है।
7. कोई भी धातु उपकरण जैसे माइक्रोवेव, मिक्सर इत्यादि दक्षिण-पूर्व में रखें। रेफ्रिजरेटर उत्तर-पश्चिम में रख सकते है।
8. घर का केंद्र बिंदु या जिसे हम ब्रह्म स्थान भी कहते है उसमे कभी भी किचन ना बनवायें। ये वास्तु दोष के अनुसार आपके सेहत को प्रभावित करता है।
9. किचन में पीने का पानी उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
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