सिग्नेचर करना भी एक कला होता है। ऐसा इसलिए भी कहा जाता है कि यदि वास्तु दृष्टि से सिग्नेचर सही हो, तो व्यक्ति को जीवन में सफलता पाने में यह मददगार साबित हो सकता है। लेकिन अगर सिग्नेचर वास्तु नियमों का ध्यान न रखा जाए, तो यह जीवन के किसी भी क्षेत्र में तरक्की पाने में बाधक बन सकता है।
वास्तु शास्त्र में सिग्नेचर से जुड़ी ऐसी कई बातें बताई गई हैं। वहीं वास्तु शास्त्र में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि यदि कोई व्यक्ति अपने सिग्नेचर के नीचे लाइन खींचे तो वह सही होता है या गलत।
सिग्नेचर के नीचे लाइन
वास्तु शास्त्र के मुताबिक साइन करने के बाद यदि आप भी उसके नीचे लाइन खींचते हैं। तो यह गलत नहीं है। हालांकि यह लाइन सिग्नेचर से बड़ी और सीधी होनी चाहिए।
इसके अलावा लाइन को बड़ा रखें, लेकिन उसको आगे से मोड़ें नहीं। बहुत सारे लोग सिग्नेचर के नीचे लाइन को बड़ी रखते हैं, लेकिन उसको आगे से मोड़ देते हैं। जब ऐसी लाइन किसी सिग्नेचर के आगे आती है, तो यह आपके हस्ताक्षर का मार्ग काटती है। वास्तु के अनुसार इसका मतलब आपकी तरक्की रुकने से होता है।
अगर आप भी सिग्नेचर के नीचे लाइन बनाते हैं, तो कभी एक से ज्यादा लाइनें नहीं बनानी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, अधिक लाइन्स का मतलब कंफ्यूजन से होता है। जिस भी व्यक्ति के सिग्नेचर के नीचे एक से ज्यादा लाइनें होती हैं, वह हमेशा उलझा हुआ और निर्णय न ले पाने वाला होता है।