सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व बताया गया है। वास्तु टिप्स का पालन करने से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है। वहीं यदि इनमें लापरवाही बरती जाती है तो वास्तु दोष लगता है। घर में वास्तु दोष लगने पर परिवार के सदस्यों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। वहीं परिवार के लोगों के बीच आपसी मनमुटाव होने लगता है। इसलिए वास्तु टिप्स के नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।
वहीं वास्तु शास्त्र में भोजन करते समय भी वास्तु नियमों का पालन करना चाहिए। इन नियमों का पालन करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। बता दें कि इन नियमों का सही तरीके से पालन किए जाने पर मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं। मां अन्नपूर्णा की कृपा से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि खाना खाते समय किन वास्तु नियमों का पालन किया जाना चाहिए।
खाना खाते समय वास्तु नियम
वास्तु जानकारों के अनुसार, कभी भी टूटे या गंदे बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो दुर्भाग्य में बढ़ोत्तरी होने के साथ घर में परेशानियों का आगमन होता है।
पूर्व या उत्तर की दिशा में मुंह करके भोजन करना चाहिए। कभी भी दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके खाना नहीं खाना चाहिए। क्योंकि दक्षिण दिशा पितरों की होती है। इस दिशा में मुंह करके खाना खाने से पेट संबंधी समस्याएं होती हैं।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक भोजन की थाली को दोनों हाथों से पकड़ें। इस तरह से भोजन ग्रहण करने से परिवार के सदस्यों में आपसी प्रेम और स्नेह बढ़ता है।
भोजन की थाली को कभी जमीन पर नहीं रखना चाहिए। साथ ही जमीन पर बैठकर भोजन नहीं करना चाहिए। जमीन पर बैठने से पहले आसन बिछाना चाहिए। वहीं खाने की थाली को पाटे आदि पर रखकर भोजन खाना चाहिए।
वास्तु जानकार बताते हैं कि बिस्तर पर बैठकर भोजन करना अशुभ होता है। इससे घर में और व्यक्ति में मन में नकारात्मकता बढ़ती है।