ज्योतिष शास्त्र में शुभ ग्रहों के प्रभाव को बढ़ाने के लिए और अशुभ ग्रहों के प्रभाव को कम करने के लिए रत्नों को धारण करने की सलाह दी गई है। व्यक्ति के जीवन में रंग और तरंग का बहुत महत्व होता है। मनुष्य के शरीर में सात चक्र होते है, जो रंग और तरंग को ग्रहण करते हैं। रत्न भी इन्हीं के कारण प्रभाव डालते हैं।
कुछ लोग कई ज्योतिषियों की सलाह पर उनके बताये गये हर रत्न को धारण कर लेते हैं। कभी-कभी रत्नों के मेल न खाने से हानि होने लगती है, क्योंकि रत्न हर विशेष रत्न के साथ ही लाभ प्रदान करता हैं। रत्नों का लाभ तो कुछ वक्त से होता है, हानि तुरंत होने लगती है। इसलिए गलत रत्न धारण करने पर व्यक्ति के स्वभाव में तो परिवर्तन होता ही है, साथ ही व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक परेशानियां भी होती हैं। आइए जानते हैं, किन रत्नों को एक साथ नहीं पहनना चाहिए।
माणिक्य (सूर्य का रत्न)
इस रत्न को सूर्य से संबंधित समस्याओं का निवारण करने के लिए पहना जाता है। इन रत्नों को नीलम, हीरा, लहसुनिया और गोगदे के साथ नहीं पहनना चाहिए। कन्या, तुला, मकर, और कुम्भ राशि वालों को ये रत्न भूल कर भी नहीं पहनना चाहिए। अगर ये मिल जाएं तो शत्रुता को जन्म दे देते हैं इसलिए ये हानिकारक होता है। इस रत्न के दुष्प्रभाव से सरदर्द और हड्डियों में दर्द होने लगता हैं।
मोती (चन्द्रमा का रत्न)
मोती मन और शीतजन्य समस्याओं के निवारण में सहायक होता हैं। इस रत्न को हीरा, पन्ना, गोमेद ,या लहसुनिया के साथ नहीं धारण करना चाहिए। वृष, मिथुन, कन्या और मकर राशि वालों को ये कभी नहीं धारण करना चाहिए। इसके दुष्प्रभाव से मानसिक स्थितियां बिगड़ने लगती हैं।
मूंगा (मंगल का रत्न)
ज्योतिष शास्त्र में लाल और नारंगी रंग के मूंगे को ज्यादा उपयोगी माना जाता है। इस रत्न को पन्ना, हीरा, गोमेद ,लहसुनिया और नीलम के साथ नहीं पहनना चाहिए। यानी मिथुन, कन्या और तुला राशि वालों को यह नहीं धारण करना चाहिए। इसके दुष्प्रभावों से दुर्घटना और रक्त संबंधी समस्या हो सकती हैं।
पन्ना (बुध का रत्न)
यह रत्न दिमाग और मन को मजबूत बनाता हैं। इस रत्न को पुखराज, मूंगा और मोती के साथ नहीं पहनना चाहिए। मेष, कर्क, और वृश्चिक राशि वालों के ये रत्न धारण करने से नुकसान हो सकते हैं। पन्ना धारण करने से अगर त्वचा में समस्या दिखे, तो इसे तुरंत उतार देंना चाहिए। पन्ना रत्न के दुष्प्रभाव व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है साथ ही आर्थिक हानि भी होती हैं।
पीला पुखराज (बृहस्पति का रत्न)
पीला पुखराज आध्यात्मिक शक्ति, वाणी और धर्म तथा ज्ञान में वृद्धि करता है। इस रत्न को हीरा, पन्ना, नीलम, और गोमेद के साथ नहीं पहनना चाहिए। वृष, तुला, मकर और कुम्भ राशि वालों को इसे धारण करने से बचना चाहिए। मोटापे की प्रवृत्ति वालों को पुखराज धारण करने से बचना चाहिए। जिन लोगों को पेट की समस्या हो, उन्हें पुखराज कभी नहीं पहनना चाहिए।
हीरा (शुक्र का रत्न)
यह रत्न प्रेम, सौंदर्य, चमक और सम्पन्नता का रत्न है। इस रत्न को वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, और कुम्भ राशि वालों को धारण करना चाहिए। इस रत्न को मूंगा, मोती, माणिक्य और पुखराज के साथ धारण नहीं करना चाहिए। मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक और मीन राशि वालों को ये रत्न एक साथ धारण नहीं करना चाहिए। चंचल मन वालों को हीरा धारण करने से बचना चाहिए। ऐसे लोग हीरे के स्थान पर सफ़ेद अमेरिकन डायमंड पहन सकते हैं। इस रत्न के दुष्प्रभाव से वैवाहिक जीवन उथल पुथल हो जाता हैं।
नीलम (शनि का रत्न)
इस रत्न को आमतौर पर बिना जांच के नहीं पहनना चाहिए। इस रत्न को कुंडली के गंभीर अध्ययन के बाद ही पहनने की सलाह दी जाती हैं। इस रत्न को मूंगा, माणिक्य, मोती और पुखराज के साथ धारण नहीं करना चाहिए। ध्यान रहे कि सिंह राशि वाले इसे भूलकर भी धारण ना करें। ऐसा करने से सेहत संबंधी परेशानी होती है और दुर्घटना का योग बनता हैं।
गोमेद ( राहु का रत्न)
यह राहु का रत्न है। सामान्य स्थिति में इसको कभी धारण नहीं करना चाहिए। इस रत्न को मूंगा, माणिक्य, मोती और पुखराज के साथ नहीं पहनना चाहिए। इसके दुष्प्रभाव से स्वास्थ्य और जीवन में उतार चढ़ाव होता रहता है। साथ ही निर्णय लेने में परेशानी होती है एवं भ्रम की स्थिति बनी रहती हैं।
लहसुनिया ( केतु का रत्न)
इस रत्न को मोटी, माणिक्य, मूंगा और पुखराज के साथ नहीं पहनना करना चाहिए। अगर व्यक्ति के कुंडली में केतु अनुकूल हो तभी इसको धारण करना चाहिए नहीं तो चर्म रोग या स्नायु तंत्र की समस्या हो सकती है।