वास्तुशास्त्र में पेड़-पौधों को खास महत्व दिया गया है। इनमें से कुछ पौधे घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर करते हैं तो कुछ ऐसे पौधे होते हैं जिन्हें लगाने से घर में धन की कभी कमी नहीं होती है। ऐसा ही एक पौधा है मयूर शिखा का पौधा। वास्तुशास्त्र में इस पौधे को खास महत्व बताया गया है। यह पौधा मोर की शिखा जैसा दिखता है इसलिए इसे मयूर शिखा कहा जाता है। इस पौधे को अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जैसे बंगाली में इसे लाल मोरग या मोरगफूल कहते हैं, तो वहीं तेलगु में माइरक्षिपा और ओड़िया में मयूर चूड़िआ कहा जाता है। इस पौधे का वैज्ञानिक नाम एक्टीनप्टेरीडेसी है और अंग्रेजी में इसे पीकॉक्स टेल कहा जाता है। यह पौधा मुर्गे की कलगी की तरह भी दिखाई देता है। यह पौधा आसानी से मिल जाता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार इस पौधे को घर में लगाने से धन बढ़ता है और वास्तुदोष समाप्त होता है। आज के इस लेख में हम आपको घर में मयूर शिखा के पौधे को लगाने के चमत्कारी लाभों के बारे में बताएंगे -
- मयूर शिखा का पौधा देखने में बहुत सुंदर होता है। यह पौधा मोर के शिखा जैसा दिखता है जिसे आप अपने घर के अंदर या बगीचे में लगा सकते हैं। इस पौधे से आपके घर और गार्डन की सुंदरता में चार चाँद लगते हैं।
- वास्तुशास्त्र के अनुसार मयूर शिखा के पौधे को वास्तुदोष निवारण में बहुत लाभदायक माना जता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में मयूरशिखा का पौधा लगाने से घर के अंदर नकारत्मकता खत्म होती है।
- मयूर शिखा के पौधे को पितृदोष निवारण में भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस पौधे को घर में लगाने से पितृदोष समाप्त होता है। इस पौधे को आप अपने घर के अंदर या बगीचे में लगा सकते हैं।
- वास्तुशास्त्र के अनुसार मयूर शिखा का पौधा लगाने से घर में बुरी आत्माओं का प्रवेश नहीं होता है।
- आयुर्वेद में भी मयूर शिखा के पौधे को बहुत महत्वपूर्ण और गुणकारी बताया गया है। आयुर्वेद के अनुसार इसकी पत्तियों और फूल को सब्जी के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। मयूर शिखा के पौधे को षाय, अम्ल, शीत, लघु, कफ-पित्तशामक, ज्वरघ्न तथा पक्वातिसार शामक, मधुमेहरोधी आदि में लाभदायक माना जाता है।