हम सभी सुखी और सुकून भरा जीवन जीना चाहते हैं, इसके लिए घर में पंचतत्वों को संतुलित होना बेहद जरूरी होता है। बता दें कि घर की हर चीज किसी न किसी चीज का प्रतिनिधित्व करती है। ऐसे में अगर आप वास्तु के नियमों का पालन करते हैं, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वहीं घर में रहने वाले सभी सदस्य निरोगी, सुखी और धनवान होते हैं। वास्तु दोषों को दूर आ कम करने के लिए आपके घर की आंतरिक सजावट इसमें मददगार साबित हो सकती है। ऐसे में घर में सुख-शांति वाले माहौल के लिए आप कुछ वास्तु नियमों का पालन कर सकते हैं।
अपनाएं वास्तु नियम
अगर सब कुछ सही होने के बाद भी आपके हाथ में धन नहीं रुकता है, तो आप घर के दक्षिण-पूर्व दिशा से नीला रंग हटा दें। नीले रंग की जगह इस दिशा में गुलाबी या फिर हल्के नारंगी रंग का इस्तेमाल करें।
अगर आपके घर में धूल, गंदगी और मकड़ी का जाला लगा रहता है, तो यह नकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इसलिए सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए समय-समय पर घर की साफ-सफाई करते रहें।
इसके साथ ही वास्तु शास्त्र में पार्किंग के लिए उत्तर-पश्चिन स्थान प्रयोग में लाना शुभ माना जाता है
घर में रखे गमलों को नियमित रूप से पानी देना चाहिए। वहीं अगर कोई पौधा सूख गया है तो उसको फौरन घर से हटा देना चाहिए।
वहीं घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में ओवरहैड वाटर टैंक की व्यवस्था लाभकारी रहता है।
यदि घर का दरवाजा खोलते या बंद करते समय आवाज करता है, तो उसको बेहद सावधानी से खोलना व बंद करना चाहिए। जिससे कि उसमें से कर्कश ध्वनि न निकले।
घर में बने मंदिर में नियमित रूप से पूजा करनी चाहिए। वहीं दक्षिण-पश्चिम की दिशा में बने कमरे को पूजा-पाठ के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
वास्तु के हिसाब से किचन प्लेटफार्म के आग्नेय कोण में दोनों तरफ से कुछ इंच जगह छोड़कर गैस का चूल्हा रखना शुभ माना जाता है।
शयन कक्ष में हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में ड्रेसिंग टेबल रखना चाहिए। वहीं सोने के दौरान शीशे को किसी कपड़े आदि से ढक देना चाहिए।