घर को बनाते समय वास्तु का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। हम जिस जगह घर का सामान रखते हैं, इसका असर हमारे जीवन पर पड़ता है। वास्तु शास्त्र में सबसे अशुभ दक्षिण दिशा को बताया गया है। कहा जाता है कि इस दिशा में कुछ चीजें रखने की गलती नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से घर के सदस्यों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। घर की हर एक चीज को सही स्थान पर रखने के लिए वास्तुशास्त्र बहुत ज्यादा मायने रखता है। ऐसा माना जाता है कि यदि आप चीजों को सही दिशा में सजाते हैं तो यह आपको हर एक तरह से लाभ पहुंचाती हैं और वहीं वास्तु का ध्यान न रखते हुए चीजें रखने से घर की आर्थिक स्थिति तो खराब हो ही सकती है और घर में व्यर्थ के कलह कलेश भी बढ़ने लगते हैं। वास्तु की मानें तो घर में सुख समृद्धि के लिए सभी दिशाओं का बहुत ज्यादा महत्व होता है। गलत दिशा में बना किचन, सही दिशा का ध्यान न रखते हुए बेड का होना या फिर जूते चप्पल रखने की गलत दिशा में रखना आपके घर के सुख शांति को समाप्त करने का कारण बन सकती है। घर में कौनसी वस्तु कहां रखी गई है इसका वास्तु शास्त्र में बेहद महत्व है. वास्तु शास्त्र दिशा का शुभ या अशुभ होना भी बताता है। ऐसे में लोग इस बात का खास ख्याल रखते हैं कि उनके घर में जो कुछ भी हो वह सही दिशा में रखा हो। अगर आप भी वास्तु में विश्वास रखते हैं तो आपको जरूर जानना चाहिए कि वास्तु के अनुसार घर की दक्षिण दिशा में किन चीजों को नहीं रखना चाहिए। दक्षिण दिशा को पितरों का स्थान कहते हैं और इससे पितृदोष लग सकता है। दक्षिण दिशा मुख्य चार दिशाओं में से एक मानी जाती है। यह यम देवता की दिशा मानी जाती है।
दक्षिण दिशा में भूल कर भी ना रखें ये चीजें
मंदिर
घर में छोटा मंदिर सभी रखते हैं। वास्तु के अनुसार घर की दक्षिण दिशा में मंदिर की स्थापना नहीं करनी चाहिए, इससे किसी भी पूजा का कोई लाभ नहीं होता और ना ही कोई मनोकामना पूरी होती है।
बेड
दक्षिण दिशा में ना ही सोने का कमरा अच्छा माना जाता है और ना ही बेड। वास्तु के अनुसार इससे नींद में बाधा तो आती ही है साथ ही बीमारियां लगने का भी खतरा होता है।
मशीन
वास्तु के अनुसार किसी भी तरह की मशीन को घर की दक्षिण दिशा में रखने से बचना चाहिए। कहा जाता हैं कि इससे सकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है।
डाइनिंग टेबल
दक्षिण में खाना बनाने और खाने दोनों को ही वास्तु शास्त्र में गलत कहा गया है। इसे सेहत और धन दोनों की क्षति का कारण माना जाता है।
जूते-चप्पल
माना जाता है कि दक्षिण दिशा में जूते-चप्पल रखने का अर्थ है पितरों का अपमान करना। इससे घर की सुख-शांति बिगड़ सकती है।