होम
कुंडली
टैरो
अंक ज्योतिष
पंचांग
धर्म
वास्तु
हस्तरेखा
राशिफल
वीडियो
हिन्दी न्यूज़
CLOSE

Yogini Ekadashi 2023: 14 जून को रखा जा रहा योगिनी एकादशी का व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

By Astro panchang | Jun 14, 2023

आज यानी की 14 जून 2023 को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जा रहा है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। बता दें कि सनातन धर्म में एकादशी के व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता के अनुसार, योगिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और उसे अक्षय पुण्य फल की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में एकादशी का दिन काफी खास माना गया है। ऐसे में अगर आप भी योगिनी एकादशी का व्रत कर रहे हैं तो उन्हें व्रत से जुड़े नियमों का पालन करना चाहिए। आइए जानते हैं वयोगिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा के बारे में...

योगिनी एकादशी शुभ मुहूर्त 
आज यानी की 14 जून, बुधवार को योगिनी एकादशी का व्रत किया जा रहा है। एकादशी तिथि की शुरूआत 13 जून को सुबह 09:28 मिनट हो हुई हैं। 14 जून को सुबह 08:48 मिनट पर इस तिथि का समापन होगा। योगिनी एकादशी व्रत का पारण 15 जून को सुबह 08:48 मिनट पर किया जाएगा। बता दें कि 15 जून को व्रत पारण समय सुबह 05:32 मिनट से 08:10 मिनट तक रहेगा।

योगिनी एकादशी पूजन विधि
योगिनी एकादशी पर सूर्योदय से पहले स्नान आदि कर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद मां लक्ष्मी और श्रीहरि विष्णु की विधिविधान से पूजा-अर्चना करें। भगवान श्रीहरि विष्णु की कृपा से आपके जीवन में सकारात्मकता बनी रहेगी। वहीं मां लक्ष्मी की जातक पर कृपा बनी रहेगी। इस दिन व्रत के दौरान किसी से वाद-विवाद न करें। साथ ही भगवान विष्णु के नामों का जाप करते रहें।

योगिनी एकादशी व्रत कथा 
बहुत समय पहले अलकापुरी नगर में राजा कुबेर के हेम नामक माली काम करता था। माली का काम भगवान शंकर के पूजन के लिए रोजाना मानसरोवर से फूल लाना था। एक दिन माली अपनी पत्नी के साथ स्वछन्द विहार में व्यस्त हो गया। जिसके कारण वह राजा कुबेर के दरबार में देरी से पहुंचा। इस बात से नाराज होकर राजा ने माली को कोढ़ी होने का श्राप दे दिया। श्राप के प्रभाव से हेम माली कोढ़ से पीड़ित होकर इधर-उधर भटकने लगा। 

एक दिन संयोगवश वह मार्कण्डेय ऋषि के आश्रम में जा पहुंचा। जहां पर ऋषि ने अपनी योग शक्ति से माली के श्राप को जान लिया। तब मार्कण्डेय ऋषि ने माली को योगिनी व्रत रखने के लिए कहा। इस व्रत को रखने से माली का कोढ़ पूरी तरह समाप्त हो गया और उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई।

क्या न करें
न सिर्फ योगिनी एकादशी बल्कि किसी भी एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। मान्यता के अनुसार, जो भी व्यक्ति इस दिन चावल का सेवन करता है, वह अगले जन्म में रेंगने वाला जीव बनता है। इसके साथ ही एकादशी के दिन चावल का दान भी नहीं करता चाहिए। एकादशी के दिन चावल का दान करना वर्जित होता है। बता दें कि इस दिन दान-पुण्य का काफी महत्व होता है। चावल छोड़कर आप किसी गरीब व जरूरतमंद को अन्य चीजें दान कर सकते हैं।

Copyright ©
Dwarikesh Informatics Limited. All Rights Reserved.