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Sakat Chauth 2025: सकट चौथ व्रत पर इस विधि से करें गणपति की पूजा, जानिए मुहूर्त और पूजन विधि

By Astro panchang | Jan 17, 2025

हिंदू धर्म में सकट चौथ के व्रत का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन महिलाएं अपने बच्चे की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और विघ्नों के नाश के लिए किया जाता है। इस व्रत को माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है। सकट चौथ पर चंद्रोदय के बाद गणपति बप्पा की पूजा की जाती है। व्रत करने वाली महिलाएं इस दिन गणपति को लड्डू, दूर्वा, फूल और प्रसाद अर्पित करती हैं। तो आइए जानते हैं सकट चौथ का मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व के बारे में...

सकट चौथ व्रत
वैदिक पंचांग के मुताबिक माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरूआत 16 जनवरी की सुबह 04:09 मिनट पर हो गई है। वहीं आज यानी की 17 जनवरी 2025 की सुबह 05:33 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी। उदयातिथि के हिसाब से 17 जनवरी 2025 को यह व्रत किया जाएगा। शाम को चंद्र दर्शन के बाद सकट चौथ का व्रत खोला जाता है। 17 जनवरी यानी की आज चंद्रोदय का समय 09:09 मिनट पर होगा।

सकट चौथ व्रत पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर व्रत का संकल्प लें और फिर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद शाम को गणेश जी की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान आदि कराएं और नए वस्त्र पहनाएं। अब भगवान गणेश से अपने बच्चे की सुख-समृद्धि और लंबी आयु के लिए कामना करें। गणपति बप्पा के सामने धूप और दीप जलाएं। फिर गणेश जी को दूध, मोदक और फल आदि का भोग लगाएं। इसके बाद शाम को चंद्रदेव को अर्घ्य दें और व्रत खोलें। सकट चौथ व्रत में तिल और गुड़ से बनी चीजें विशेष रूप से खाई जाती हैं।

महत्व
बता दें कि सकट चौथ का व्रत विशेष तौर पर संतान के लिए रखा जाता है। यह व्रत संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इस व्रत को करने से सभी तरह के संकट दूर होते हैं और संतान के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। गणपति को विघ्नहर्ता और बुद्धि का देवता माना जाता है। इस दिन व्रत करने से संतान को भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इससे उनके जीवन में सफलता और समृद्धि का मार्ग खुलता है।
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