हिंदू संस्कृति में करवा चौथ प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व मुख्य रूप से विवाहित महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं पूरा दिन निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। वहीं रात में चंद्रमा के दर्शन और पूजन करने के बाद अन्न-जल ग्रहण करती हैं। देश के उत्तरी क्षेत्रों में इस पर्व का बहुत महत्व होता है। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके नए कपड़े पहनती हैं। करवा चौथ के मौके पर सोलह श्रृंगार में से एक हाथों में मेहंदी लगाना भी शामिल है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, करवा चौथ के दिन मेहंदी लगाना बेहद अहम होता है। मेहंदी न सिर्फ सुंदरता का प्रतीक है बल्कि इसका सांस्कृतिक, ज्योतिषीय और आध्यात्मिक अर्थ भी है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम मेहंदी लगाने के ज्योतिषीय महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं। शादी, त्योहार, धार्मिक समारोहों जैसे विशेष मौकों पर मेहंदी लगाई जाती है। यह प्रेम और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है।
प्रेम और समृद्धि का प्रतीक होती है मेहंदी
करवा चौथ के त्योहार पर हाथों में मेहंदी स्नेह, प्यार और वैवाहिक आनंद का भी प्रतिनिधित्व करती है। माना जाता है कि मेहंदी का रंग जितना गहरा होता है, उस शादीशुदा जोड़े के बीच उतना ही ज्यादा प्यार होता है। महिलाएं यही सोचकर मेहंदी लगाती हैं, ताकि उसका रंग गहरा हो। साथ ही यह पति के साथ गहरे प्यार और संबंध को दर्शाता है।
मेहंदी को काफी शुभ माना जाता है। यह सुहागिन महिलाओं के जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य को लाती है। महिलाएं मेहंदी लगाकर सुखी और सफल वैवाहिक जीवन के लिए भगवान से आशीर्वाद मांगती है।
मेहंदी सुंदरता का प्रतीक
पुराने समय से ही मेहंदी को स्त्रीत्व और सुंदरता का प्रतीक माना जाता है। मेहंदी महिलाओं के श्रृंगार और सौंदर्य का प्रतीक मानी जाती है। वहीं करवा चौथ के मौके पर इसका महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। ज्योतिष के मुताबिर करवा चौथ के सोलह श्रृंगार में मेहंदी जरूर होती है और यह न सिर्फ हाथों की शोभा बढ़ाती है, बल्कि इसको सुंदरता का भी प्रतीक माना जाता है।
मेहंदी हाथों को सजाने के साथ ही उनके पूरे व्यक्तित्व में निखारती है। यह न सिर्फ बाहरी सुंदरता का प्रतीक है, बल्कि आंतरिक आशाओं और खुशियों का भी प्रतीक होती है।
मेहंदी लगाने का ज्योतिषीय महत्व
करवा चौथ में मेहंदी का बहुत ज्यादा ज्योतिषीय महत्व है, यह ग्रहों की स्थिति, अनुष्ठानों और शुभ प्रतीकों को गहरा अर्थ देती है। मेहंदी, एक प्राकृतिक और पवित्र तत्व होने के कारण, करवा चौथ के दौरान शक्तिशाली ज्योतिषीय महत्व रखती है।
मेहंदी का शुक्र ग्रह से संबंध
ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह का संबंध सौंदर्य, प्रेम और विवाहिक संबंधों को कंट्रोल करता है। यह ग्रह जीवनसाथी के बीच स्नेह, सद्भाव और भावनात्मक संबंध के लिए भी माना जाता है।
शुक्र ग्रह का मेहंदी से भी गहरा संबंध है और यह प्रेम और सुंदरता का भी प्रतीक माना जाता है। ऐसे में करवा चौथ के मौके पर मेहंदी लगाने से किसी भी सुहागिन महिला के जीवन में शुक्र का प्रभाव मजबूत होता है। साथ ही इससे वैवाहिक जीवन में प्यार और सद्भाव को बढ़ाता है। वहीं कुंडली में शुक्र ग्रह के मजबूत होने से वैवाकिर महिला के जीवन में स्थिरता, खुशी और विलासिता का आगमन होता है।
मेहंदी का सूर्य और चंद्रमा से संबंध
करवा चौथ का पर्व चंद्रमा से जुड़ा है। इस पर्व पर चांद को देखने और अर्घ्य देने के बाद सुहागिन महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मानसिक कल्याण, भावनाओं और मानव जीवन के सहज पहलुओं से जोड़कर देखा जाता है। इस व्रत में चंद्रमा एक अहम भूमिका निभाता है।
वहीं मेहंदी अपने शीतलता वाले गुणों के लिए जानी जाती है। ऐसे में इस पर्व पर मेहंदी लगाने से भावनात्मक ऊर्जा को संतुलित करने में सहायता मिलती है।
करवा चौथ पर चंद्रमा के साथ सूर्य का भी सम्मान किया जाता है। मेहंदी जीवंत और समृद्ध रंग के साथ सूर्य की ऊर्जा का प्रतीक भी मानी जाती है। यह जीवन की शक्ति और सकारात्मकता का भी प्रतिनिधित्व करती है।
करवा चौथ का व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। वहीं मेहंदी का लाल रंग सूर्य की ऊर्जा को दर्शाता है। ऐसे में महिलाएं मेहंदी लगाकर महिलाएं अपने समृद्ध वैवाहिक जीवन के लिए सूर्य देव का आशीर्वाद लेती है।
जानिए मेहंदी का आध्यात्मिक महत्व
ज्योतिष महत्व के अलावा मेहंदी का आध्यात्मिक महत्व भी रखती है। यह महिलाओं के सेलह श्रृंगार में से एक माना जाता है। मेहंदी महिलाओं की पहचान का एक अनिवार्य हिस्सा है।
करवा चौथ पर हाथों में मेहंदी लगाना सुहागिन महिला की अपने पति के प्रति समर्पण की निशानी के तौर पर देखी जाती गै। मेहंदी लगाने से दैवीय शक्तियों में महिला का विश्वास और पति की भलाई की कामना करने के साथ उनके प्रति समर्पण को दिखाता है।
मेहंदी विशेष गुणों से भरपूर होती है और यह करवा चौथ के पर्व का विशेष हिस्सा माना जाता है।