हिंदू संस्कृति और सभ्यता के मुताबिक किसी व्यक्ति से मिलने के दौरान या तो हाथ जोड़कर नमस्कार किया जाता है। या भगवान का नाम लेकर अभिवादन किया जाता है। आपने भी सुना होगा कि जब लोग एक-दूसरे से मिलते हैं तो अभिवादन करते हुए राम-राम बोलते हैं। आपको बता दें कि अभिवादन का यह तरीका काफी ज्यादा पुराना है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब अभिवादन के दौरान राम-राम दो बार क्यों बोला जाता है।
वहीं जब किसी अन्य भगवान का नाम लेकर अभिवादन करते हैं, तो उच्चारण में दो बार नाम क्यों लिया जाता है। अगर आपका जवाब नहीं है, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि अभिवादन में दो बार नाम का उच्चारण करने के धार्मिक व ज्योतिष महत्व के बारे में।
अंक ज्योतिष की गणना
आपको बता दें कि दो बार राम नाम बोले जाने के पीछे असल में अंक ज्योतिष की गूढ़ गणना है। हिंदी शब्दावली के मुताबिक भगवान राम शब्द का पहला अक्षर यानी की 'र' 27वें नंबर पर आता है। वहीं इस शब्द का दूसरा अक्षर 'आ' मात्रा के रूप में 'र' के साथ लगता है। यह दूसरे स्थान पर और 'म' 25वें स्थान पर आता है।
ऐसे में जब आप इन दोनों शब्दों के नंबरों को जोड़ते हैं, जैसे- र (27)+आ (2)+म (25)= राम (54)।
ऐसे में एक बार राम का नाम लेने से 54 अंक का योग पूरा होता है। तो वहीं जब आप दो बार राम-राम बोलते हैं, तो 108 अंक होते हैं।
अगर आप सरल शब्दों में कहा जाए, तो जब अभिवादन में दो बार राम-राम बोला जाता है। तो इसकी अंक संख्या 108 हो जाती है। वहीं 108 मानकों की एक माला पर राम नाम के जाप के बराबर माना जाता है।