हिंदू धर्म में किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य की शुरूआत से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। बुधवार का दिन गणपति को समर्पित होता है। भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति के विघ्न दूर होते हैं और जीवन में सुख-शांति व समृद्धि का आगमन होता है। भगवान गणेश की पूजा करने से कार्यों में सफलता मिलती है और व्यक्ति के जीवन के कष्ट दूर होते हैं। ऐसे में अगर आप भी श्रीगणेश की कृपा व आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से बुधवार के दिन भगवान गणपति की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा
बुधवार के दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर सूर्य देव को जल अर्पित करें। फिर मंदिर की साफ-सफाई कर एक चौकी पर कपड़ा बिछाएं। अब इस चौकी में शिव परिवार को विराजमान करें। इसके बाद पंचोपचार कर विधि-विधान से भगवान गणेश और शिव परिवार की पूजा-अर्चना करें। अब गजानन को पीले रंग का फल, फूल, दूर्वा, हल्दी आदि अर्पित करें। फिर दीपक जलाकर गणेश भगवान की आरती करें। गणेश चालीसा का पाठ कर मंत्रों का जाप करें और जीवन में सुख-शांति औऱ समृद्धि की कामना करें। अंत में भगवान गणेश को मोदक, फल और मिठाई आदि का भोग लगाएं और इस दिन दान-पुण्य जरूर करें।
॥श्री गणेश जी की आरती॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती (माता पार्वती के मंत्र), पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥