By Astro panchang | Jan 10, 2020
हिन्दू संस्कृति में पूजा-पाठ को काफी आस्था के साथ किया जाता है। अच्छे स्वास्थ्य से लेकर अच्छे पति तक की कामना के लिए लाखों लोग व्रत रखते हैं। हिन्दू धर्म के अनुसार लोगों के द्वारा किए हुए पाप और पुण्यों का निवारण यहीं करना होता है और अच्छे काम करने में स्वर्ग और बुरे काम करने में नर्ग की प्राप्ति होती है ऐसा भी कहा गया है। ऐसे ही हिन्दू धर्म में व्रत की बहुत मान्यता होती है, व्रत को धर्म का ही एक साधन माना जाता है। हर भगवान के हर तरीके के व्रत की अपनी मान्यता होती है, जिन्हे लोग मन की शांति के लिए रखना पसंद करते है, लेकिन कुछ लोगों की भूल की वजह से उनका व्रत टूट जाता है। व्रत का टूट जाना भी पाप होता है, जिसको कुछ प्राश्चित के बाद कम किया जा सकता है।
पूजा के दौरान अक्सर होने वाली गलतियाँ- अपने घर की सुख समृद्धि, और अच्छी कामना के लिए अक्सर लोग पूजा-पाठ करते है। अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए लोग भगवान के किए कुछ-कुछ करने की बात कहते है और करने में नाकाम हो जाते है। इस स्थिति में भी कहा जाता है कि मनुष्य पाप का भोगी होता है।
व्रत भंग के दोष को दूर कैसे करें-
व्रत भंग होने पर जिस भगवानका व्रत रखा है उनकी उपासना करते हुए माफी मांगनी चाहिए।
व्रत दोष के लिए उस ही देवी और देवता की मूर्ति बना कर उसको सबसे पहले दूध, दही, शहद और शक्कर को मिलाकर पंचामृत से स्नान कराना चाहिए।
बनाई गई मूर्ति पर गंध, अक्षत, फूलों और सोलह तरह की पूजा सामग्रियों से पूजा करें।
व्रत टूट जाने के बाद किसी बड़े और ज्ञानी पंडित से पूछ कर दान पुण्य जरूर करें जिसकी मदद से भगवान को मानाने में मदद मिलेगी।
जिस भगवान का व्रत टूटता है, उन भगवान के विशेष मंत्र को पढ़ने के साथ उनकी पूजा करें।
उन देवता के नाम का घर में हवन जरूर करवाना चाहिए और व्रत भंग की क्षमा मांगनी चाहिए। हवन के बाद प्रार्थना करते वक्त कहें कि जो हमारे द्वारा व्रत भंग हुआ था उसका दोष दूर करें और व्रत पूर्ण करें।