हिंदू कैलेंडर की पहली अमावस्या आज यानी की 20 अप्रैल 2023 को है। इस अमावस्या को वैशाख अमावस्या भी कहते हैं। इसके साथ ही इसे सत्तुवाई अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि इस साल वैशाख अमावस्या काफी खास है। क्योंकि वैशाख अमावस्या के दिन यानि की 20 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। सूर्य ग्रहण सुबह 07:04 मिनट से शुरू हो चुका है। वहीं इसकी समाप्ति 12:29 मिनट पर होगी।
दक्षिण भारत में वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। वैशाख अमावस्या के दिन स्नान-दान, श्राद्ध कर्म, विष्णु और शनि देव की पूजा करने का विधान है। इस दिन दान-पुण्य और पूजा-अर्चना करने से अक्षय पुण्य फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं वैशाख अमावस्या पर स्नान-दान का समय, पूजा मुहूर्त और उपाय आदि के बारे में...
वैशाख अमावास्या 2023 मुहूर्त
हिंदू पंचाग के अनुसार, 19 अप्रैल 2023 को सुबह 11 बजकर 23 मिनट पर वैशाख अमावस्या तिथि की शुरुआत होगी। वहीं 20 अप्रैल को सुबह 09:41 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी।
स्नान-दान मुहूर्त - सुबह 04.23 - सुबह 05.07
अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12:00 - दोपहर 12:52
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06:52 - रात 07:14
अमृत काल - शाम 04:11 - शाम 05:44
वैशाख अमावस्या पर करें ये काम
वैशाख अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि कर सूर्य देव को तिल डालकर अर्घ दें। इस तरह से अर्घ देने से सभी ग्रह दोष दूर होते हैं।
वैशाख अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त व्रत कर तर्पण भी किया जाता है। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति और तृप्ति मिलती है।
इसके अलावा इस दिन दान-पुण्य करने से व्यक्ति शारीरिक तौर पर मजबूत होने के साथ ही उसे संतान सुख की प्राप्ति होती है।
वैशाख अमावस्या की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना चाहिए।
पितृ दोष निवारण के लिए इस दिन पितरों के नाम से गरीबों, कौए, कुत्ते को भोजन देना चाहिए।