हिंदू धर्म में शनिदेव को न्यायफल दाता कहा गया है, जो सभी कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं और व्यक्ति उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। कहा जाता है कि अगर किसी की कुंडली में शनिदोष है, तो उसको शनिवार के दिन सूर्योदय से पहले शनिदेव की पूजा करना चाहिए। वहीं ऐसा भी कहा जाता है कि शनिदेव की पूजा कभी भी उनकी प्रतिमा या मूर्ति के सामने खड़े होकर नहीं करनी चाहिए, इससे शनिदेव आप पर क्रोधित हो सकते हैं।
ऐसे में अगर आप भी शनिवार को शनिदेव की पूजा-अर्चना करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि शनिदेव को किन चीजों का भोग लगाने से बचना चाहिए।
मसूर दाल की खिचड़ी का भोग
बता दें कि शनिवार के दिन शनिदेव को मसूर दाल की खिचड़ी का भोग भी नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि मसूर दाल का संबंध मंगल ग्रह से होता है। इसका भोग लगाने से शनिदेव नाराज हो सकते हैं और जातक की कुंडली में शनिदेव का अशुभ प्रभाव देखने को मिल सकता है। इसलिए अगर आप शनिवार को शनिदेव का भोग लगा रहे हैं, तो मसूर दाल की खिचड़ी का भोग न लगाएं।
बताशे का भोग
ज्योतिष में बताशे का संबंध शुक्र ग्रह से है। शुक्र ग्रह भौतिक सुख-सुविधाओं का कारक माना जाता है। इसलिए शनिवार को शनिदेव को बताशे का भोग नहीं लगाना चाहिए। शनिवार के दिन बताशे का भोग लगाना अशुभ माना जाता है।
केसर खीर का भोग
शनिवार के दिन शनिदेव को केसर खीर का भोग नहीं लगाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि केसर खीर को भगवान विष्णु को प्रिय है और इसका संबंध गुरु बृहस्पति से है। इसलिए शनिवार के दिन इसका भोग नहीं लगाना चाहिए।