उत्तर प्रदेश के अयोध्या में जिस तरह से राम मंदिर का भव्य निर्माण हुआ है। ठीक उसी तरह से छत्तीसगढ़ में 32 करोड़ रुपए की लागत से कौशल्या मंदिर का रेनोवेशन किया जाना है। इस मंदिर का एक हिस्सा अयोध्या के राम मंदिर जैसा होगा। वहीं केरल के भगवान श्रीहरि विष्णु के 5 हजार साल पुराने थिरुनेली मंदिर का कायाकल्प हो रहा है। बता दें कि यह मंदिर केरल-कर्नाटक सीमा पर ब्रह्मगिरि पहाड़ियों में स्थित है। इसको 'दक्षिण का काशी' भी कहा जाता है।
थिरुनेली मंदिर के रेनोवेशन पर करीब 10 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है। आपको बता दें कि कर्नाटक में 200 ऐतिहासिक स्मारकों और मंदिरों के रेनोवेशन किए जाने के लिए 20 साल से प्रोजेक्ट चल रहा है। इस रेनोवेशन के प्रोजेक्ट में 35.37 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इसके अलावा देश के 10 राज्यों में कई बड़े मंदिरों-तीर्थों के निर्माण कार्य और रेनोवेशन के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इसमें करीब 17 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं।
कामाख्या देवी मंदिर परिसर
वाराणसी के काशी-विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर असम में स्थित कामाख्या देवी मंदिर परिसर में भी कॉरिडोर बनाए जाने की चर्चा की जा रही है। बटाद्रवा प्रोजेक्ट के लिए नौगांव में बजट तय हो चुका है। वहीं केंद्र सरकार के इस प्रोजेक्ट प्लान को 'असम दर्शन' के तहत तैयार किया गया है।
अयोध्या के बाद अब प्रयागराज में भी धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन की तैयारी शुरू हो चुकी है। बता दें कि अगले साल महाकुंभ से पहले प्रयागराज के कई मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जाना है।
इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश सरकार बिलासपुर में डूबे मंदिरो को पानी से बाहर निकालने की तैयारी में जुटी है। वहीं भाजपा प्रेजिडेंट जेपी नड्डा का बिलासपुर गृहनगर भी है। बिलासपुर में हेरिटेज और धार्मिक टूरिज्म को प्रोमट करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
वहीं ओडिशा सरकार पुरी में 800 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर के साथ ही राज्य के सभी मंदिरों का कायाकल्प कर रही है। ओडिशा के हर गांव में 'जगन्नाथ संस्कृति' के संरक्षण का काम किया जाएगा। ओडिशा की ऐतिहासिकता और बुनियादी सुविधाओं के विस्तार और आर्किटेक्चर का डेपलपमेंट भी किए जाने का प्लान है।
साल 2023 में राजस्थान चुनाव से पहले गहलोत सरकार ने राज्य के दो मंदिरों का कायाकल्प किए जाने की घोषणा की थी। बता दें कि डूंगरपुर और जयपुर के इन मंदिरों का ऐतिहासिक महत्व है।
'भारत राष्ट्र समिति' की देखरेख में तेलंगाना राज्य के नरसिम्हा स्वामी मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया। यह मंदिर भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार को समर्पित है। इस मंदिर में गंडभेरुंड नरसिम्हा, योगानंद नरसिम्हा, ज्वाला नरसिम्हा, उग्र नरसिम्हा और लक्ष्मी नरसिम्हा के दर्शन होते हैं।
बिहार में निर्माणाधीन विराट रामायण मंदिर कंबोडिया के 800 साल पुराने अंगकोरवाट मंदिर की तरह होगा। विराट रामायण मंदिर की वास्तुकला अंगकोर वाट मंदिर, मदुरै के मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर और रामेश्वरम के रामनाथस्वामी मंदिर से प्रेरित है। 'महावीर मंदिर मंदिर ट्रस्ट' यहां पर दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग होगा।
पश्चिम बंगाल में प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार के साथ नए मंदिरों का निर्माण कार्य चल रहा है। राज्य की ममता सरकार ने कोलकाता के हुगली के किनारे स्थित दक्षिणेश्वर मंदिर, तारापीठ मंदिर, सागर द्वीप के कपिल मुनि मंदिर और कंकलीतला मंदिर समेत 150 से ज्यादा मंदिरों के लिए बजट आवंटित किया है।
बता दें कि अमरनाथ यात्रा बेहद कठिन मानी जाती है। इस मंदिर तक आप दो रास्ते से पहुंच सकते हैं, जिनमें पहला रास्ता पहलगाम होते हुए और दूसरा रास्ता बालटाल से होते हुए है। लेकिन सबसे पुराना और ऐतिहासिक रूट पहलगाम माना जाता है। पहलगाम से अमरनाथ की पवित्र गुफा की दूरी 48 किमी है। इस रूट से गुफा तक पहुंचने में 3 दिन का समय लगता है। जबकि बालटाल रूट 14 किमी ही है। हांलाकि भले ही यह रास्ता छोटा है, लेकिन यह काफी मुश्किल रास्ता है।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में महाभारत हुई भी। अब इस जगह को भी आध्यात्मिक केंद्र के तौर पर विकसित किया जा रहा है। बता दें कि यहां पर हर साल अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जाता है। वहीं अब सरकार की तरफ से कुरुक्षेत्र में कई बड़ी योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है।