आज यानी की 17 अप्रैल को स्वामीनारायण जयंती मनाई जा रही है। इस दिन को भगवान स्वामीनारायण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामीनारायण हिंदू धर्म के एक प्रमुख संत और भगवान विष्णु के अवतार माने जाते थे। उनका जन्म 1781 में चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को गुजरात के गांधीनगर में हुआ था। भारत और दुनिया भर के स्वामीनारायण समुदायों द्वारा स्वामीनारायण जयंती को बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस मौके पर मंदिरों व मठों आदि को फूल-मालाओं से सजाया जाता है।
बता दें कि इस दिन भक्त प्रभु स्वामीनारायण की पूजा-अर्चना करते हैं। अपनी समृद्ध रीति-रिवाजों और परंपराओं के लिए स्वामीनारायण संप्रदाय जाना जाता है। भगवान स्वामीनारायण के जीवन और शिक्षाओं पर ये रीति-रिवाज और परंपराएं आधारित हैं। इनका मुख्य उद्देश्य भक्तों को आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए प्रेरित करने के साथ ही भगवान के करीब जाने में सहायता करता है।
स्वामी नारायण जयंती डेट
हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को स्वामी नारायण जयंती मनाई जाती है। इस साल 17 अप्रैल को नवमी तिथि पड़ रही है। ऐसे में इस बार 17 अप्रैल 2024 को स्वामी नारायण जयंती मनाई जा रही है।
पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर घर की साफ-सफाई करें।
फिर भगवान स्वामी नारायण की मूर्ति को पालने में रखकर उसे सजाएं।
इसके बाद भगवान स्वामी नारायण को कुमकुम, चावल और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें और फिर फल-फूल आदि चढ़ाएं।
भगवान की पूजा के बाद आरती करें और भोग लगाएं।
पूजा के अंत में पूजा में हुई भूलचूक के लिए क्षमायाचना करें।
स्वामी नारायण जयंती का महत्व
बता दें कि स्वामी नारायण के भक्त हर साल इस दिन को बेहद धूमधाम से मनाते हैं। मान्यता के अनुसार, भगवान स्वामीनारायण की मां भक्ति माता उनको घनश्याम कहती थीं। वहीं स्वामी नारायण के पिता उन्हें धर्मदेव कहा करते थे।