देवों के देव महादेव के 12 ज्योतिर्लिगों के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा। यह 12 ज्योतिर्लिंग देश के अलग-अलग राज्यों में मौजूद है। जिनमें से 2 ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश में मौजूद हैं। इनमें से पहला उज्जैन के महाकालेश्वर और दूसरा खंडवा में ओंकारेश्वर ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग मौजूद है। नर्मदा नदी किनारे मांधाता पर्वत पर ओंकारेश्वर मंदिर स्थित है।
बताया जाता है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए हर रोज 30-35 हजार श्रद्धालु आते हैं। वहीं किसी विशेष पर्व पर श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
ये है मान्यता
धार्मिक मान्यता के अनुसार, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में भगवान भोलेनाथ रात को शयन के लिए आते हैं। बताया जाता है कि यह एक ऐसा मंदिर है जहां पर भगवान शिव और माता पार्वती रोजाना चौसर पासे खेलते हैं।
लगातार बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या
केंद्र और राज्य सरकार द्वारा देश के धार्मिक स्थलों के विस्तार करने के लिए उठाए गए विशेष कदमों धार्मिक स्थलों को बढ़ावा मिला है। पहले इस मंदिर में 10-15 हजार श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने और नर्मदा नदी में स्नान करने के लिए यहां पहुंचते थे। वहीं उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर को महालाक लोक के रूप में स्थापित किया गया है। जिसके बाद से ओंकारेश्वर-ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। इसके अलावा अवकाश वाले दिन श्रद्धालुओं की संख्या 50-60 हजार तक पहुंच जाती है।
ऐसे पहुचें ओंकारेश्वर
हवाई यात्रा के जरिए भी आप ओंकारेश्वर मंदिर जा सकते हैं। इस मंदिर से 77 किमी दूर इंदौर हवाई अड्डा स्थित है। फिर टैक्सी और बस की मदद से आप मंदिर आसानी से पहुंच सकते हैं। इंदौर से यह मंदिर 80 किमी दूर है। ओंकारेश्वर मंदिर से मोर्टक्का रेलवे स्टेशन 12 किलोमीटर है। यहां से भी आप ओंकारेश्वर पहुंच सकते हैं।
वहीं आप हवाई यात्रा के जरिए भी उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पहुंच सकते हैं। इस ज्योतिर्लिंग से उज्जैन हवाई अड्डा 133 किमी दूर है। इसके अलावा बस के माध्यम से भी आप यहां पहुंच सकते हैं। इंदौर से महाकालेश्वर की दूरी 56 किमी है।