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Tirupati Balaji Temple: तिरुपति बालाजी से जुड़े इन तथ्यों को जान दांतों तले दबा लेंगे उंगली, एक बार जरूर करें दर्शन

By Astro panchang | Dec 25, 2023

भारत देश में कई चमत्कारिक मंदिर हैं। वहीं तिरुपति बालाजी मंदिर भी चमत्कारिक मंदिर माना जाता है। तिरुपति तिरुमला देवस्थानम देश के फेमस और अमीर मंदिरों में एक है। यह मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्‍तूर जिले में स्थित है। दुनियाभर से श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस मंदिर के प्रमुख देवता वेंकटेश्‍वर स्‍वामी हैं। जिन्हें भगवान श्रीहरि विष्णु का अवतार माना जाता है।
 
इस मंदिर से जुड़ी कई मान्यताएं प्रचलित हैं। लेकिन आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस मंदिर से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसके बारे में अब तक लोगों को जानकारी ही नहीं हैं। तो आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में...

अंजान गांव की कहानी
आपको बता दें कि तिरुपति बालाजी मंदिर में देवताओं के अनुष्ठान के लिए 22 किलोमीटर दूर एक गांव से दीपक, घी, दूध, फूल घर और पत्ते आदि मंगाए जाते हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि आज तक इस छोटे से गांव को किसी बाहरी व्यक्ति ने नहीं देखा है।

​बालाजी के बाल​ हैं असली
आमतौर पर आपने देखा होगा कि मंदिरों में भगवान की मूर्ति में नकली बाल लगे होते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि वेंकटेश्वर स्वामी के बाल असली हैं। भगवान के बाद चिकने, रेशमी, उलझन रहित और बिलकुल असली हैं।

मंदिर में आती है आवाज
भले ही यह बात सुनकर आपको यकीन करना मुश्किल हो, लेकिन भगवान बालाजी की मूर्ति के पीछे एक बेहद सुंदर आवाज सुनाई देती है। बताया जाता है कि अगर आप मूर्ति के पीछे कान लगाते हैं, तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि समुद्र की लहरें उठ रही हों।

स्वयं प्रकट हुए थे भगवान
वैसे तो कई ऐसी चीजें हैं, जिनसे भगवान की मौजूदगी दर्ज होती है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक 19वीं सधी में एक क्षेत्र के राजा ने किसी अपराध के लिए 12 लोगों को मौत की सजा दी थी। उन 12 लोगों को फांसी दे दी गई और उनके मृत शरीर को मंदिर की दीवारों पर लटका दिया गया। कहा जाता है कि तब वहां पर भगवान स्वयं प्रकट हुए थे।

यहां देख सकते हैं चढ़ाए हुए फूल
तिरुपति बाला जी के मंदिर में वेंकटेश्वर स्वामी पर चढ़ाए गए फूल मूर्ति के पीछे बह रहे झरने में बहा दिए जाते हैं। ऐसे में अगर आप इन फूलों को देखना चाहते हैं, तो आपको येरपेडु जाना होगा। बता दें कि यह स्थान मंदिर से 20 किमी दूर है।

करोड़ों में आता है दान
आपको बता दें कि तिरुपति मंदिर में दान करने वाले लोगों की कमी नहीं है। हर साल लाखों-करोड़ों रुपए मंदिर में दान आता है। जिसमें से करोड़ों रुपए विदेशी मुद्रा होती है। इस पैसे को आरबीआई बदलने के लिए टीटीडी बोर्ड की मदद करता है।

मंदिर के दीपक का रहस्य
तिरुपति बालाजी के मंदिर के गर्भगृह में मूर्ति के सामने मिट्टी के दीपक जलते हैं। बताया जाता है कि यह दीपक कभी नहीं बुझते हैं। लेकन इन दीपकों को कब और कौन जलाता है। इस बात की जानकारी किसी को नहीं है और न ही इसका कोई रिकॉर्ड है। यह आज तक रहस्य बना हुआ है।
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