कुंडली में अगर शनि खराब हो तो लाख कोशिशों के बाद भी मुश्किलें पीछा नहीं छोड़ती हैं। शनि के दुष्प्रभाव के कारण व्यक्ति को कमजोर स्वास्थ्य कर्ज और शत्रु बाधा और विवाह में विलम्ब जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। जीवन के हर क्षेत्र में सफलता के लिए संघर्ष करने के बाद भी असफलता मिलती हैं। अगर आप शनि के प्रभाव को कम करना चाहते हैं तो शनि के मंत्र का जप कर सकते हैं या शनि चालीसा का नियमित पाठ कर सकते हैं।
कैसे करें शनि चालीसा का पाठ
शनि चालीसा का पाठ कभी भी किया जा सकता है। आप शनिवार से शनि चालीसा का पाठ शुरू कर सकते हैं। शनि चालीसा का पाठ आप शनि मंदिर में करें। कोशिश करें की घर में शनि चालीसा का पाठ ना किया जायें। शनि चालीसा का पाठ आप शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे बैठ कर भी कर सकते हैं। शनि मंदिर में या पीपल के पेड़ की छाया में शनिवार या मंगलवार की शाम को सरसों के तेल का दीपक जला कर आप शनि चालीसा का पाठ करें। पाठ शुरू करने से पहले पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं और सात बार परिक्रमा करें शनि चालीसा के नियमित पाठ से आपको शनि की साढ़ेसाती और शनि की महादशा के प्रभाव से छुटकारा मिलता है। शनि चालीसा का पाठ शाम के समय करें। अगर आपके आस-पास कोई शनि मंदिर या पीपल का पेड़ नहीं है तो आप हनुमान मंदिर में भी शनि चालीसा का पाठ कर सकते हैं।
शनि चालीसा पाठ से लाभ
शनि देव अगर प्रसन्न हो जायें तो आपकी सारी मुश्किलें दूर हो जाती है। शनि को न्याय का देवता कहा जाता है इसलिए यह आपको किसी तरह की हानि नहीं होने देते हैं। शनि चालीसा से आप शनि की साढ़ेसाती, महादशा और कुंडली में शनि के खराब प्रभाव को दूर कर सकते हैं। माना जाता है शनि देव यदि किसी पर प्रसन्न हो जाये तो रंक को भी राजा बना देते हैं। शादी विवाह में अगर बाधा है तो भी शनि चालीसा का पाठ आपकी समस्या को दूर करने में सहायक हो सकता है। सेहत से संबंधित परेशानियां भी शनि चालीसा के पाठ से हल हो जाती हैं। यदि शनिदेव को जल्दी खुश करना चाहते हैं तो शनि चालीसा के साथ शनिवार का व्रत भी कर लें। शनि चालीसा का दिन में बार पाठ करने से घर में सुख समृद्धि का वास होता है और मानसिक शांति मिलती है। घर में हो रही कलह खत्म जाती है। अगर शनि की महादशा के कारण आपको बिजनेस में घाटा हो रहा है तो आपको शनि चालीसा का पाठ इसमें लाभ पहुंचा सकता है।