सनातन धर्म में मंत्रों का काफी महत्व माना जाता है। पूजा-पाठ, ध्यान, अनुष्ठान आदि में मंत्रों का स्थान देखने को मिलता है। इसके साथ ही मंत्रोच्चार से वातावरण में दिव्य ऊर्जा जन्म लेती है। मान्यता के अनुसार, मंत्रों का जाप करने, बोलने और सुनने मात्र से ही व्यक्ति के व्यक्तित्व में कई सकारात्मक और दिव्य बदलाव होते हैं।
वहीं कई मंत्र ऐसे भी होते हैं जिनके रोजाना जाप से हमें कई तरह के फायदे होते हैं। जो व्यक्ति को जीवन के उच्च स्तर तक ले जाते हैं। बता दें कि ऐसा ही एक दिव्य मंत्र 'मंगलम भगवान विष्णु' है। आज इस आर्टिकल में हम आपको इस मंत्र के महत्व और जपने से होने वाले लाभ के बारे में बताने जा रहे हैं।
भगवान विष्णु का मंत्र
मङ्गलम् भगवान विष्णुः मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः मङ्गलाय तनो हरिः॥
मंत्र का अर्थ
भगवान श्रीहरि मंगल हैं और जिसके ध्वज में गरुण हैं उसका भी मंगलमय हो।
कमल के समान नेत्र वालों का मंगलमय हो, वह भगवान हरि सबका मंगल करें।
भगवान विष्णु के मंत्र का महत्व
बता दें कि 'मंगलम भगवान विष्णु' मंत्र विवाह मंत्र होता है।
हर शुभ कार्य से पहले इस मंत्र का उच्चारण किया जाता है।
विशेष तौर पर इसका मंत्रोच्चार विवाह में फेरों के दौरान किया जाता है।
किसी भी मांगलिक कार्य को करने से पहले इस मंत्र के जाप से बाधा नहीं आती है।
शुभ कार्य शुरू करने से पहले इस मंत्र के जाप से कार्य सफल होता है।
इस मंत्र का प्रतिदिन जाप किया जा सकता है।
भगवान विष्णु के मंत्र के लाभ
इस मंत्र का जाप करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाओं का अंत होता है।
'मंगलम भगवान विष्णु' मंत्र के रोजाना जाप से विवाह में हो रही देरी दूर होती है और विवाह के योग बनने लगते हैं।
इस मंत्र के नियमित जाप से आर्थिक बाधा का अंत होता है और व्यक्ति अपने जीवन में उन्नति करता है।
बता दें कि इस मंत्र का रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में जाप करने से मनोकामना पूरी होती है।