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इस विधि से करें सूर्यदेव की आरती, दूर होंगे सभी संकट और जीवन में आएगी खुशहाली

By Astro panchang | Feb 16, 2021

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है। रविवार के दिन सूर्यदेव की उपासना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। रविवार को पूरे विधि-विधान से सूर्यदेव की पूजा करने से जीवन में सफलता प्राप्त होती है। सूर्यदेव की कृपा से मानसिक शांति प्राप्ति होती है और सभी रोगों से मुक्ति मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रविवार को सूर्य देव का व्रत करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि रविवार को सूर्यदेव की उपासना कैसे करें और सूर्यदेव की आरती कैसे करें -  

सूर्यदेव को अर्घ्य देने का तरीका और पूजन विधि 

सूर्यदेव की आरती
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।।।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।

।।ॐ जय सूर्य भगवान।।।।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।।।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।।।।


देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।।।।

तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।।।।

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।।।।


पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।।।।

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
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