आज यानी की 02 अक्तूबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है। कई सालों के बाद पूर्ण सूर्य ग्रहण लग रहा है। बता दें कि सूर्य ग्रहण को लेकर प्रेग्नेंट महिलाओं के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। इसके साथ ही उनको बड़े-बुजुर्गों से कई तरह की सलाह भी मिलती रहती है कि ग्रहण के समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि ग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं। ऐसे में अगर आप ग्रहण के दौरान इस आर्टिकल में बताई गई बातें आपके बहुत काम आने वाली हैं।
जानिए क्या कहते हैं साइंस
वैज्ञानिक रूप से यह कभी नहीं कहा गया है कि ग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकला जाता है। इस बात का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है कि प्रेग्नेंसी में सूर्य ग्रहण का बच्चे पर कोई निगेटिव असर नहीं पड़ता है। डॉक्टर की मानें, तो ग्रहण के दौरान प्रेग्नेंसी से बाहर निकल सकती हैं और जो काम करना चाहती हैं, तो वह भी कर सकती हैं।
घर से निकलने की मनाही
साइंस के मुताबिक पुराने समय में बिजली नहीं हुआ करती थी, ऐसे में लोग रोशनी के लिए सूर्य पर निर्भर रहते थे। जब ग्रहण लगता है, तब रोशनी नहीं होती है और हर जगह अंधेरा छा जाता है। इसलिए प्रेग्नेंट महिलाओं को घर में रहने के लिए बोला जाता है।
क्या है वजह
पहले के समय में यह नियम बनाया गया था कि अगर ग्रहण के दौरान अंधेरे में महिलाएं घर से बाहर निकलेंगी, तो उनको चोट लग सकती है। इसलिए उनको घर में रहने की सलाह दी जाती है। क्योंकि अंधेरे में कुछ खाया तो उसमें कीड़ा गिर सकता है, जो मां और बच्चे दोनों को नुकसान हो सकता है। यही कारण है कि पुराने समय में महिलाओं को ग्रहण काल के दौरान बाहर निकलने या कुछ करने की मनाही की जाती थी।
जानिए क्या सही है क्या गलत
मान्यता है कि विज्ञान में ग्रहण से बच्चे पर पड़ने वाले प्रभाव का कोई प्रमाण नहीं मिलता है। लेकिन गर्भावस्था इतना नाजुक समय होता है कि आपको किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहिए। ग्रहण के दौरान कुछ घंटों के लिए बड़े-बुजुर्गों के बनाए नियमों का पालन करना चाहिए। क्योंकि इसमें कोई बुराई नहीं है। ग्रहण काल में प्रेगनेंट महिलाओं के लिए बनाए गए यह नियम गर्भ में पलने वाले बच्चे की भलाई के लिए होते हैं।
क्या है नियम
डॉक्टर के अनुसार, महिलाओं को कहा जाता है कि प्रेग्नेंसी के समय सूर्य ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। यह सदियों पुरानी धारणा है।