बनारस को काशी और धर्म नगरी भी कहा जाता है। यहां पर आपको चारों तरफ मंदिर और मंदिर से आती घंटियों की आवाज सुनाई देगी। जो इस जगह को पवित्र और धर्ममयी बना देती है। इस शहर के धार्मिक नजारे को देखने के लिए विदेशों से भी लोग यहां पर पहुंचते हैं। काशी में कई ऐसी चीजें हैं, जिनके बारे में शायद ही आपने कभी सुना होगा। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको काशी की एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर रुककर लोग मौत का इंतजार करते हैं। काशी की इस जगह को मुक्ति भवन कहा जाता है।
काशी है मोक्ष की नगरी
वाराणसी को मोक्ष की नगरी कहा जाता है। काशी लाभ-मुक्ति भवन में देशभर से लोगों को देखा जा सकता है। बता दें कि इस भवन तक की लोगों की यह यात्रा दुनिया के अंतिम यात्रा होती है। क्योंकि यहां आने पर वह लोग सीधे परलोक सिधारते हैं।
मुक्ति के लिए काशी का निर्माण
हिंदू मान्यता के मुताबिक भगवान शंकर द्वारा काशी का निर्माण किया गया था। जो लोग मोक्ष प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, वह काशी में अपनी देह त्याग करते हैं। बता दें कि देह त्याग की इच्छा रखने वाले लोगों को मुक्ति भवन में फ्री रहने की सुविधा दी जाती है।
इस भवन में इतने लोगों ने त्यागे प्राण
बता दें कि काशी लाभ मुक्ति भवन में करीब 14 हजार से भी ज्यादा लोगों ने मोक्ष प्राप्त किया है। किसी ना किसी को रोज मुक्ति भवन में मुक्ति मिलती है।
साल 1958 में समर्पित कर दिया भवन
विष्णु बिहारी डालमिया ने इस भवन को साल 1958 में उन लोगों को समर्पित कर दिया, जो भगवान शिव की नगरी काशी में मोक्ष की इच्छा से आते हैं। यहां पर लोगों के फ्री में रहने की व्यवस्था की गई है।
मुक्ति भवन में 10 कमरे
पहले इस भवन में 8 पुजारी और 1 सेवक हुआ करते थे। लेकिन अब यहां पर सिर्फ 3 पुजारी और 1 सेवक है। इस भवन में 10 कमरे बने हैं।