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जानें क्या है पंचमुखी हनुमानजी का राज और घर में जरूर होनी चाहीए इनकी तस्वीर

By Astro panchang | Feb 28, 2020

पवनपुत्र हनुमान जी को चमत्कारिक सफलता देने वाला देवता माना जाता है। साथ ही इन्हें ऐसा देवता भी माना जाता है जो बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अपने घर को चित्रों और आकृतियों से सजाने की कला प्राचीन काल से ही चली आ रही है। क्या आप जानते हैं चित्र और आकृतियां घर को सजाने के साथ-साथ घर में वास्तु के अनेक दोषों को भी दूर करती हैं। इसका उल्लेख बहुत से प्राचीन ग्रंथों में किया गया है।

हम सब घर में किसी न किसी देवी-देवता की फोटो लगाते ही लगाते हैं। घर में स्थापित की गई देवी-देवताओं की प्रतिमाएं चमत्कारी प्रभाव देती हैं, इसलिए शास्त्रों में प्रतिमाओं और फोटो के लिए बहुत से महत्वपूर्ण नियम बनाए गए हैं। घर में देवी-देवताओं के चित्रों को लगाने से सभी परेशानियां दूर होती हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है। घर में भगवान की मूर्ति या उनका चित्र होना नकारात्मक शक्तियों को घर से दूर रखता है, लेकिन हर बार ऐसा हो ये बिल्कुल जरूरी नहीं है क्योंकि ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपने अपने घर में भगवान के किस स्वरूप को और कहां विराजित किया हुआ है। 

पवनपुत्र हनुमान अपने भक्तों को राहु-केतु और शनि जैसे ग्रहों के दुष्प्रभाव से अपने भक्तों को बचाते हैं। हनुमान जी से प्रेत, पिशाच बहुत डरते हैं और उनके भक्तों के नजदीक भी नहीं आते। वैसे तो हनुमान जी के कई रूप हैं लेकिन पंचमुखी हनुमानजी के रूप का कुछ विशेष महत्व बताया गया है। तो इसी को ध्यान में रखते हुए आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे आखिर पंचमुखी हनुमानजी को क्यों विशेष महत्व दिया गया है और यह तस्वीर घर में क्यों लगाना चाहिए।

पंचमुखी हनुमानजी की क्या है विशेषता

आपको बता दें जब राम और रावण की सेना के मध्य भयंकर युद्ध चल रहा था और रावण अपनी पराजय के समीप था तब इस समस्या से उबरने के लिए उसने अपने मायावी भाई अहिरावन को याद किया जो मां भवानी का परम भक्त होने के साथ-साथ तंत्र-मंत्र का बड़ा ज्ञाता था। उसने अपने माया के दम पर भगवान राम की सारी सेना को निद्रा में डाल दिया और राम, लक्ष्मण का अपरहण कर उन्हें पाताल लोक ले गया।  

कुछ घंटे बाद जब माया का प्रभाव कम हुआ तब विभिषण ने यह पहचान लिया कि यह कार्य अहिरावन का है और उसने हनुमानजी को श्री राम और लक्ष्मण को सहायता करने के लिए पाताल लोक जाने को कहा। पाताल लोक के द्वार पर उन्हें उनका पुत्र मकरध्वज मिला और युद्ध में उसे हराने के बाद हनुमान जी बंधक श्री राम और लक्ष्मण से मिले।

वहां पांच दीपक उन्हें पांच जगह पर पांच दिशाओं में मिले जिसे अहिरावण ने मां भवानी के लिए जलाए थे। इन पांचों दीपक को एक साथ बुझाने पर अहिरावन का वध हो जाएगा इसी कारण हनुमान जी ने पंचमुखी रूप धरा। उत्तर दिशा में वराह मुख, दक्षिण दिशा में नरसिंह मुख, पश्चिम में गरुड़ मुख, आकाश की तरफ हयग्रीव मुख एवं पूर्व दिशा में हनुमान मुख।  इस रूप को धरकर उन्होंने वे पांचों दीप बुझाए तथा अहिरावण का वध कर राम, लक्ष्मण को उस से मुक्त किया।

पंचमुखी हनुमानजी की फोटो कब और कहां लगाना चाहिए

घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में भगवान हनुमान की पंचस्वरूप वाली मूर्ति या तस्वीर लगाएं। नियमित रूप से उनकी पूजा करें। इससे आपको कभी भी पैसों की कमी नहीं होगी। आपको आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा। 

वास्तुशास्त्र के अनुसार हनुमान जी के चित्र को आप अपने घर या दुकान में दक्षिण दिशा की ओर लगाएं। यह दिशा हनुमान जी के चित्र के लिए बेहद शुभ मानी जाती है। इससे घर और दुकान दोनों में पॉजिटिव ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।

आप घर में हमेशा पंचमुखी वाले हनुमानजी की चित्र जरूर लगाएं। इससे आपके घर के सभी दोष, नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है। भगवान का आशिर्वाद हमेशा आप पर बना रहता है।

घर के मुख्य द्वार पर पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा लगाएं। इससे नकारात्मक शक्ति प्रवेश नहीं कर पाती।

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