सनातन धर्म में मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि को बेहद उत्तम माना जाता है। इस तिथि को श्रद्धा का कारक माना गया है। अमावस्या का दिन विशेष रूप से श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने के लिए उपयुक्त माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मार्गशीर्ष अमावस्या पर गंगा स्नान करने और दान-पुण्य करना शुभ होता है। वहीं मार्गशीर्ष अमावस्या पर सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने का विशेष विधान होता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन सूर्यदेव को किन चीजों से अर्घ्य देने से उत्तम परिणामों की प्राप्ति होती है।
दूध से दें अर्घ्य
बता दें कि दूध को शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। सूर्यदेव को दूध का अर्घ्य देने से देवता ही प्रसन्न नहीं होते हैं, बल्कि व्यक्ति की आत्मा भी शुद्ध होती है। सूर्य देव को दूध से अर्घ्य देने से व्यक्ति को आत्मबल और स्वास्थ्य लाभ भी होता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सूर्यदेव को तांबे के लोटे में दूध से अर्घ्य देने से कर्ज से भी छुटकारा मिलता है और व्यक्ति के जीवन में सुख-संपन्नता आती है।
जल में शहद मिलाकर दें अर्घ्य
मार्गशीर्ष अमावस्या पर जल में शहद मिलाकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। जल में शहद मिलाकर अर्घ्य देने से व्यक्ति को शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं औऱ वैवाहिक जीवन में आने वाली परेशानियां खत्म हो जाती हैं। अमावस्या पर सूर्यदेव को जल में शहद मिलाकर अर्घ्य देने से कुंडली में स्थिति सूर्यदोष और बृहस्पति ग्रह से अशुभ प्रभावों से छुटकारा मिल जाता है।
जल में हल्दी मिलाकर दें अर्घ्य
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन सूर्यदेव को जल में हल्दी मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए। हल्दी को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है और जल में हल्दी मिलाकर अर्घ्य देने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही हल्दी सूर्यदेव को भी प्रिय है और इससे अर्घ्य देने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को उनकी कृपा प्राप्त होती है।
जल में अक्षत मिलाकर दें अर्घ्य
मार्गशीर्ष अमावस्या पर सूर्य देव को जल में अक्षत मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए। अक्षत को शुभता का कारक माना जाता है। अक्षत को जल में मिलाकर अर्घ्य देने से व्यक्ति को धन लाभ हो सकता है और व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। वहीं अक्षत देवी-देवताओं को प्रिय होता है। तांबे के लोटे में जल में अक्षत मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।