हिंदू धर्म के ग्रंथों के अनुसार महालक्ष्मी को धन की देवी माना गया है। दुख और परेशानियां लोगों को जीवन को निष्क्रिय बना देती हैं। किसी भी व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य भौतिक सुखों को प्राप्त करने का होता है, इसके लिए वह दिन रात मेहनत करते हैं। अत्यधिक मेहनत करने पर भी सकारात्मक परिणाम अगर नहीं दिखता तो अवश्य देवी देवताओं की शरण में जाना चाहिए।
लक्ष्मी की कृपा जिस भी व्यक्ति पर होती है, उसका जीवन सुख-समृद्धि सम्पन्न हो जाता है। कई बार लोगों के मेहनत करने के बावजूद भी उन्हें मनचाहा सफलता और मुकाम नहीं मिल पाता है। ऐसे में धन लाभ की इच्छा रखने वालों को यह उपाय करना चाहिए पुराणों और ज्योतिषियों के अनुसार आपको यह उपाय कर लेना चाहिए।
1. उपाय
दीपावली के दिन आपको किसी शुभ मुहूर्त में जैसे गुरु पुष्प योग, रविपुष्प आदि में आपको सुबह उठते ही बिना स्नान किए, बिना मुंह हाथ धूले एक पानी वाले नारियल को पत्थर से साफ़-सुथरे कपड़े से बांधकर तालाब या नदी में डूबाना है। डुबाते समय प्रार्थना करना है कि शाम को लक्ष्मी जी आप अपने साथ धन लाएं। सूर्यास्त के बाद नारियल को जल से बाहर निकालकर आपको अपने घर ले जाना है और लक्ष्मी जी के पूजन की तरह पूजन करके संदूक में रख देना ऐसा करने से आपको धन की कमी नहीं होगी। यही प्रक्रिया आपको कुछ-कुछ समय बाद दोहराते रहना है ।
2. उपाय
शुक्रवार को देवी लक्ष्मी के मंदिर में कमल का फूल चढ़ाना है, ऐसा करने से शुक्रवार को देवी लक्ष्मी मां पसन्न होती हैं। आपको मंदिर में कमल का फूल चढ़ाना है। अगर संभव न हो तो आप पीला या गुलाब का फूल भी चढ़ा सकते है। आपको अपने घर में देवी लक्ष्मी माँ की प्रतिमा स्थापित करनी है और घी का दीपक रोज़ जलाकर द्वादशनाम स्त्रोत का पाठ करना है, ऐसा करने से आपको कभी भी धन का अभाव नहीं रहेगा।
3. उपाय
शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी की तस्वीर पर चंदन मिलाकर तिलक लगाएं और फिर अपने मस्तक पर लगाएं। ऐसा करने से माँ लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं। आपको अपने घर के मंदिर में दक्षिणावर्ती शंख स्थापित करना है, ऐसा करने से आपके धन लाभ के योग बनते हैं।
4. उपाय
आपको शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी के मंदिर में खीर का भोग लगाकर फिर उसे गरीबों में बांट देना है, ऐसा करने से आपके धन लाभ के योग बढ़ते है। लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ हमेशा करना चाहिए। इससे लक्ष्मी प्राप्ति होती है और ऋण (कर्ज) से मुक्ति मिलती है।
5. लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ नित्य करना चाहिए
त्रैलोक्य पूजिते देवि कमले विष्णु वल्लभे।
यथा त्वमचला कृष्णे तथा भव मयि स्थिरां॥
कमला चंचला लक्ष्मीश्चला भूति हरिप्रिया।
पद्मा पद्मालया सम्पद रमा श्री पद्मधारिणी॥
द्वादशैतानि नामनि लक्ष्मी संपूज्य य: पठेत्
स्थिरा लक्ष्मी भवेत् तस्य पुत्रादिभि: सह॥