होम
कुंडली
टैरो
अंक ज्योतिष
पंचांग
धर्म
वास्तु
हस्तरेखा
राशिफल
वीडियो
हिन्दी न्यूज़
CLOSE

Achharu Mata Temple: MP का चमत्कारिक मंदिर जहां मां देती हैं सवालों के जवाब, जानिए क्या है मंदिर का रहस्य

By Astro panchang | Jun 23, 2023

मध्य प्रदेश के निवाड़ी में एक ऐसा चमत्कारिक मंदिर है। जिसके बारे में लोगों का कहना है कि मंदिर में मां कुंड से श्रद्धालुओं को उनकी मन्नत पूरी होने का आशीर्वाद देती है। बता दें कि यह मंदिर निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर तहसील के मडिया ग्राम पंचायत में है। इस मंदिर को अछरू माता का मंदिर कहा जाता है। कहते हैं कि मंदिर के कुंड पर आने वाले भक्तों से माता रानी खुद संवाद करती हैं। वह अफने भक्तों की फरियाद सुन उनके प्रश्नों के उत्तर भी देती हैं। मां भक्तों को यह भी बताती हैं कि उनका काम पूरा होगा भी या नहीं। 

मन्नत पूरी होने से पहले मिलता है प्रसाद
यहां के स्थानीय लोग बताते हैं कि प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु मां अछरू माता के अद्भुत दरबार में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं। भक्त मंदिर पहुंचकर फरियाद लगाते हैं और अपनी फरियाद सुनाते हैं। भक्त मां से अपनी मन्नत पूरी होने की गुहार लगाती हैं। वहीं माता रानी भी अपने भक्तों की मन्नत पूरी होने का आशीर्वाद देती हैं। इस मंदिर में हाजिरी लगाने वाले भक्तों का कहना है कि प्रसाद के रूप में मां भक्तों को इस अद्भुत कुंड से नींबू, दाख, गरी, फूल, जलेबी, दही और चिरौंजी के रूप में प्रसाद प्रदान करती हैं। कहा जाता है कि जिस भक्त की मनोकामना पूरी होनी होती है, उसे मां अछूरू वैसा ही प्रसाद देती हैं।

माता ने दिए थे दर्शन
अछरू माता मंदिर देश के उन मंदिरों में से एक है, जहां पर रोजाना हजारों की संख्या में भक्त मां के दरबार पहुंचते हैं। बता दें कि माता रानी के प्राकट्य की कहानी भी बेहद अनोखी है। बताया जाता है कि 500 साल पहले यादव जाति का एक चरवाहा, जिसका नाम अछरू था, वह भैंसों को चराने के लिए जंगल गया हुआ था। तभी चरवाहे की एक भैंस खो गई और चरवाहा अपनी भैंस को ढूंढते हुए परेशान हो रहा था। चरवाहा अपनी गुम हुई भैंस को खोजते-खोजते प्यासा हो उठा। इस दौरान वह आराम करने के लिए एक पेड़ के नीचे बैठ गया। तभी माता ने उस चरवाहे को कुंड से निकलकर दर्शन दिए। इसके बाद माता ने चरवाहे को कुंड से पानी पीने के लिए कहा। 

बताया जाता है कि जब चरवाहे ने पानी पीने के बाद कुंड में अपनी लाठी को डाला तो वह उस कुंड में समा गई। यह देख चरवाहा हैरान हो गया। फिर माता रानी ने उसे उस स्थान की जानकारी दी। जहां पर उसकी भैंस थी। उसी जगह पर उसे उसकी लाठी भी मिल गई। यह देख चरवाहा काफी हैरान हो गया। कहते हैं कि उस दिन के बाद से चरवाहा रोजाना उस स्थान पर आकर पूजा-अर्चना करने लगा। जिसके बाद धीरे-धीरे यह बात पूरे गांव में फैलने लगी और लोग यहां आकर अपनी अर्जी लगाने लगे। वहीं मां कुंड से भक्तों के सवालों के जवाब देने लगीं। 

मंदिर में चमत्कार
जिसके बाद धीरे-धीरे यह स्थान देशभर में फेमस हो गया। बाद में इस स्थान पर माता रानी का मंदिर बनवाया गया। मां का चमत्कारिक कुंड एक पहाड़ी पर स्थित है। यह हमेशा जल से भरा रहता है। कई बार बुंदेलखंड क्षेत्र में सूखे की चपेट में आया लेकिन उस कुंड का पानी हमेशा पहले की तरह ही भरा रहा। पहाड़ी स्थान होने के बाद भी कुंड का पानी कभी कम नहीं होता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मां दैवीय आपदाओं का संकेत देती हैं। साथ ही कुंड में जल और प्रसाद कहां से आता है। इस बारे में भी लोगों ने पता करने का प्रयास किया, लेकिन कुछ पता नहीं लगाया जा सका। 

मां सती का गिरा था आंसू
मान्यता है कि जब प्रजापति दक्ष ने यज्ञ में भगवान शिव का अपमान किया था तो उस दौरान माता सती की आंखों में आंसू आ गए थे। यह वहीं स्थान हैं, जहां पर माता सती के आंसू गिरे थे। बताया जाता है कि एक बार कुंड के आसपास सफाई की जा रही थी। तभी किसी ने लोहे की साग से कुंड में लगी काई को कुरेद कर साफ करने की कोशिश की। तभी से इस कुंड का पानी लाल हो गया था। 

नवरात्रि में होता है मेले का आयोजन
मंदिर के पुजारी के अनुसार, वर्षों पहले इस स्थान की खोज करने वाले मां अछरू मैया के अनन्य भक्त अछरू परिवार के लोग ही मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं। वहीं चैत्र और शारदीय नवरात्रि में यहां पर बड़े स्तर पर मेले का आयोजन किया जाता है। 

Copyright ©
Dwarikesh Informatics Limited. All Rights Reserved.