होम
कुंडली
टैरो
अंक ज्योतिष
पंचांग
धर्म
वास्तु
हस्तरेखा
राशिफल
वीडियो
हिन्दी न्यूज़
CLOSE

Mesha Sankranti 2023: 14 अप्रैल मनाया जा रहा मेष संक्रांति का पर्व, इन चीजों का दान करने से मिलेगी यश-कीर्ति

By Astro panchang | Apr 14, 2023

वैदिक ज्योतिष के मुताबिक मेष संक्राति के पहले दिन से सौर कैलेंडर के नववर्ष की शुरूआत होती है। आज यानि की 14 अप्रैल दिन शुक्रवार को सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश कर रहे हैं। भारत के कई सौर कैलेंडरों जैसे तमिल कैलेंडर, मलयालम कैलेंडर, ओड़िया कैलेंडर और बंगाली कैलेंडर में मेष संक्रांति के पहले दिन को नववर्ष का पहला दिन माना जाता है। ओड़िशा में हिन्दू आर्धरात्रि से पहले मेष संक्रांति मनाई जाती है। तो वहीं संक्रांति के पहले दिन को नववर्ष के पहले दिन के तौर पर मनाया जाता है। मेष संक्रांति पणा संक्रांति भी कहा जाता है।

मेष संक्रांति
मेष संक्रांति को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जैसे केरल में विशु, तमिलनाडु में पुथांडु, बंगाल में नबा बर्ष या पोहला बोइशाख, पंजाब में वैशाली और असम में बिहू नाम से यह पर्व मनाया जाता है।

सौर कैलेंडर
मेष संक्रांति से सौर कैलेंडर का प्रारंभ होता है। जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे मीन संक्रांति कहा जाता है। यह सौर कैलेंडर का आखिरी मास यानि की महीना होता है। सौर कैलेंडर में 12 मास होते हैं। इन्हें हम 12 राशियों के नाम से भी जानते हैं। सौर मास के नाम मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्‍चिक, धनु, कुंभ, मकर और मीन हैं।
 
मेष संक्रांति में सूर्य देव की पूजा
मेष संक्रांति में सूर्य देव की पूजा करने का विधान है। इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर सूर्य देव को अर्घ्य दें और फिर गायत्री मंत्रों का जाप करें। इस दौरान आप अपनी क्षमता के अनुसार, ब्राह्मण को दान-दक्षिणा भी दे सकते हैं। बता दें कि मेष संक्रांति के दिन गेहूं, गुड़ और चांदी की वस्तु दान करना शुभ होता है। मेष संक्रांति के दिन लाल वस्त्र धारण करें। इसके बाद तांबे के लोटे में जल, लाल पुष्प और अक्षत डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। आज के दिन सूर्य देव की स्तुति और पूजा पाठ करने से तरक्की मिलती है।

Copyright ©
Dwarikesh Informatics Limited. All Rights Reserved.