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Kamakhya Devi Temple: कामाख्या देवी मंदिर से प्रसाद में मिलता है रजस्वला का कपड़ा, जानिए इस मंदिर के रहस्य

By Astro panchang | Jul 05, 2023

मां कामाख्या को समर्पित कामाख्या देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में शामिल है। इस मंदिर में कई ऐसी घटनाएं घटित हो चुकी हैं। जिन्हें सुनने के बाद आपको विश्वास नहीं होगा। बता दें कि इस मंदिर में आपको कोई मूर्ति नहीं मिलेगी। बल्कि इस मंदिर में एक योनि कुंड बना हुआ है। जो हमेशा फूलों से ढका रहता है। इस मंदिर में स्थित इस कुंड की खासियत यह है कि इससे हमेशा पानी निकलता रहता है। आइए जानते हैं इस मंदिर के कुछ रोचक तथ्यों के बारे में...

क्यों 3 दिन बंद रहता है मंदिर
बता दें कि 22 जून से लेकर 25 जून तक इस मंदिर के कपाट बंद रहते हैं। इस 3 दिनों में ब्रह्मपुत्र नदी का जल लाल रहता है। मान्यता के अनुसार, इन तीन दिनों में माता सती रजस्वला रहती हैं। जिसके कारण 22 से 25 जून तक कोई भी पुरुष मंदिर में प्रवेश नहीं करता है। वहीं 26 जून को मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं। जिसके बाद श्रद्धालु मां कामाख्या के दर्शन करते हैं।
 
इस मंदिर में भक्तों को अनोखा प्रसाद दिया जाता है। बता दें कि माता सती के तीन दिन मासिक धर्म के चलते माता के दरबार में सफेद कपड़ा रखा जाता है। जब यह कपड़ा 3 दिन बाद हटाया जाता है तो यह पूरी तरह से लाल होता है। जिसके बाद इसी कपड़े को प्रसाद के रूप में भक्तों में बांट दिया जाता है।

जानिए पौराणिक कथा
माता सती ने अपने पिता राजा दक्ष की इच्छा के विरुद्ध जाकर भगवान शिव से विवाह किया था। जिसके कारण राजा दक्ष मां सती और भगवान शिव से नाराज थे। एस बार जब उन्होंने यज्ञ किया तो उसमें माता सती और भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया। लेकिन देवी सती हठ करके पिता के यज्ञ में पहुंची। जहां पर राजा दक्ष ने माता सती के सामने भगवान शिव का अपमान किया। पति का अपमान सहन न कर सकने के कारण उन्होंने यज्ञ वेदी में कूदकर अपने प्राण दे दिये। 

जब भगवान शिव को यह बात पता चली तो क्रोध के कारण उनका तीसरा नेत्र खुल गया। इसके बाद भगवान शिव सती वियोग में उनके पार्थिव शरीर को लेकर पूरी दुनिया में टहलने लगे। वहीं इससे पृथ्वी का संतुलन बिगड़ने लगे। संतुलन बनाए रखने के लिए जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर को काट दिया। माता सती के शरीर के 51 टुकड़े जहां-जहां गिरे वह शक्तिपीठ कहलाए। बता दें कि असम के इस स्थान पर माता सती है योनि भाग गिरा था। जो कामाख्या मंदिर के नाम से फेमस हुआ। 

यह है मंदिर की मान्यता
मान्यता के अनुसार, जो भी भक्त बाहर से आते हैं और अपने जीवन में तीन बार इस मंदिर के दर्शन कर लेते हैं। उनको सांसारिक भवबंधन से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाती है। बता दें कि कामाख्या देवी मंदिर तंत्र विद्या के लिए भी जाना जाता है। दूर-दूर से साधु-संत और तांत्रिक भी मंदिर के कपाट खुलने पर दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।

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