करवा चौथ का पर्व महिलाओं के लिए काफी ज्यादा महत्व रखता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। बता दें कि इस साल 01 नवंबर 2023 को करवा चौथ का व्रत किया जाएगा। महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए यह प्राचीनकाल से करती आ रही हैं। इस दिन व्रत कर महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। हांलाकि यह त्योहार क्यों मनाया जाता है और कैसे इस पर्व की शुरूआत हुई। इसके बारे में आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताने जा रहे हैं।
क्यों किया जाता है करवा चौथ का व्रत
पौराणिक काल से चली आ रही धार्मिक मान्यता के मुताबिक पतिव्रता सती सावित्री के पति सत्यवान को यमराज धरती पर लेने आए। तो सावित्री ने यमराज से अपने पति के प्राण वापस मांगे। लेकिन यमराज ने सावित्री की बात नहीं मानी तो सावित्री भी अन्न-जल का त्याग कर पति के मृत शरीर के पास बैठ गई। सावित्री विलाप करने लगी। जिसके बाद सावित्री का हठ देख यमराज को उस पर दया आ गई। इस पर यमराज ने सावित्री से वरदान मांगने के लिए कहा।
इस पर सावित्री ने यमराज से कई बच्चों की मां बनने का वरदान मांग लिया। सावित्री एक पतिव्रता स्त्री थी, वह अपने पति के अलावा किसी अन्य के बारे में नहीं सोच सकती थी। इसलिए यमराज को सावित्री के हठ के आगे झुकना पड़ा। उन्होंने सत्यवान को जीवित कर दिया था। जिसके बाद से महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए सावित्री का अनुसरण करते हुए करवा चौथ पर निर्जला व्रत करती हैं।
यह भी है एक वजह
मुख्य रूप से देश के उत्तर और पश्चिम राज्यों की महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखती हैं। प्राचीन काल से इन राज्यों के पुरुष सेना में काम करते हैं। ऐसे में उनकी सलामती के लिए महिलाएं करवा चौथ का व्रत करती हैं। जिससे उनके पति की दुश्मनों से रक्षा हो सके और उनकी आयु लंबी हो सके।