रक्षाबंधन भारत में मनाया जाने वाला एक पवित्र पर्व है। रक्षाबंधन पर्व को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहने अपने भाई की कलाई पर रंग-बिरंगी राखियां बांधती है। फिर अपने भाई को मिठाई भी खिलाती है। यह पर्व हर साल सावन के अंतिम दिन के मनाया जाता है।कई लोग इसे राखी भी कहते हैं।ज्योतिषों के अनुसार रक्षाबंधन पर्व को बहुत पावन पर्व माना है, जिसमें भाई अपनी बहन की रक्षा करने का और उसके हर सुख दुख में साथ देने का वादा करता है। भाई की कलाई पर बांधी हुई राखी बहन की रक्षा करने का प्रतीक होता है। इस साल रक्षाबंधन का त्यौहार 3 अगस्त को मनाया जाएगा।
इस दिन बाजार रंग-बिरंगी राखियों से सजा हुआ होता है। रक्षाबंधन पर्व में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त भी होता है ।शुभ मुहूर्त में अगर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है तो भाई को इसका शुभ लाभ मिलता है।इस बार राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 9:28 से लेकर रात 9:17 तक है।इस टाइम के अंदर बहने अपने भाई के हाथों पर राखी बांध सकती है।है।
रक्षाबंधन की धार्मिक मान्यताएँ:
वैसे तो रक्षा बंधन से कई कथाएं और मान्यताएं जुड़ी हुई हैं, लेकिन धार्मिक मान्यता के अनुसार महाभारत काल से इसका उद्गम माना जाता है। मान्यता के मुताबिक शिशुपाल के वध के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के बाएं हाथ की ऊंगली चोटिल हो जाती है और उससे खून बहने लगता है। यह देख द्रौपदी अपनी साड़ी को फाड़कर श्रीकृष्ण की ऊंगली में बांध देती है। मान्यता है कि तभी से श्रीकृष्ण द्रौपदी को अपनी बहन मानने लगे। लंबे अंतराल के बाद जब पांडव द्रौपदी को जुए में हार जाते हैं और कौरव उसका चीरहरण करने लगते हैं, उस वक्त भाई का फर्ज निभाते हुए श्रीकृष्ण ने अपनी बहन द्रौपदी की लाज बचाई थी।
राजा बली बहुत दानी राजा थे और भगवान विष्णु के अनन्य भक्त भी थे। एक बार उन्होंने यज्ञ का आयोजन किया। इसी दौरान उनकी परीक्षा लेने के लिए भगवान विष्णु वामनावतार लेकर आए और दान में राजा बलि से तीन पग भूमि देने के लिए कहा। लेकिन उन्होंने दो पग में ही पूरी पृथ्वी और आकाश नाप लिया। इस पर राजा बलि समझ गए कि भगवान उनकी परीक्षा ले रहे हैं। तीसरे पग के लिए उन्होंने भगवान का पग अपने सिर पर रखवा लिया। फिर उन्होंने भगवान से याचना की कि अब तो मेरा सबकुछ चला ही गया है, प्रभु आप मेरी विनती स्वीकारें और मेरे साथ पाताल में चलकर रहें। भगवान ने भक्त की बात मान ली और बैकुंठ छोड़कर पाताल चले गए। उधर देवी लक्ष्मी परेशान हो गईं। फिर उन्होंने लीला रची और गरीब महिला बनकर राजा बलि के सामने पहुंचीं और राजा बलि को राखी बांधी। बलि ने कहा कि मेरे पास तो आपको देने के लिए कुछ भी नहीं हैं, इस पर देवी लक्ष्मी अपने रूप में आ गईं और बोलीं कि आपके पास तो साक्षात भगवान हैं, मुझे वही चाहिए मैं उन्हें ही लेने आई हूं। इस पर बलि ने भगवान विष्णु को माता लक्ष्मी के साथ जाने दिया। जाते समय भगवान विष्णु ने राजा बलि को वरदान दिया कि वह हर साल चार महीने पाताल में ही निवास करेंगे। यह चार महीना चर्तुमास के रूप में जाना जाता है जो देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठानी एकादशी तक होता है।
ज्योतिष के मुताबिक रंगों का जीवन में काफी महत्व है और राशि के मुताबिक शुभ रंगों की राखियां अगर भाई की कलाई में बांधी जाए तो उसका फल भी शुभ होता है। ऐसे में यहां आप जान सकेंगी कि अपने भाई की राशि के हिसाब से किस रंग की राशि बांधना शुभ होगा।
मेष राशि
अगर आपके भाई की राशि मेष राशि है तो इस राशि का स्वामी मंगल होता है।ज्योतिषियों के अनुसार मंगल का रंग लाल होता है ।इसलिए मेष राशि वालों के कलाई पर लाल रंग की राखी बांधे। इससे भाई के जीवन में ऊर्जा और उत्साह बना रहेगा। अपने भाई के माथे पर केसरिया रंग का तिलक करें।
वृषभ राशि
अगर आपके भाई की राशि वृषभ है। तो वृषभ राशि का स्वामी शुक्र होता है और शुक्र नीले रंग को प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए अपने भाई की कलाई पर नीले रंग की राखी बांधे। अपने भाई के माथे पर रोली और चावल का तिलक करें।
मिथुन राशि
यदि आपके भाई की राशि मिथुन है तो आपको उसे हरी या चंदन से बने राखी बांधनी चाहिए। मिथुन राशि वालों के लिए हरा रंग बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है। यदि आप अपने भाई को इस तरह की राखी बनती है तो आप दोनों का रिश्ता और भी ज्यादा मजबूत हो जाएगा।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातक बहुत ही सादा हंसमुख और अच्छे माने जाते हैं। यदि आपके भाई की राशि कर्क है तो इस रक्षाबंधन आप उसे सफेद रेशमी धागे की या मोतियों से बनी राखी पहनाए। इस राशि के जातक के लिए यह यह रंग बहुत ही ज्यादा शुभ होता है।
सिंह राशि
यदि आप चाहते है आपके भाई का आने वाला समय और भी ज्यादा बेहतर और अच्छा बीते, तो आप अपने भाई को सुनहरे पीले या गुलाबी रंग की राखी बांधे। सिंह राशि के जातक के लिए इस रंग की राखियां बहुत ही ज्यादा शुभ मानी जाते है।
कन्या राशि
यदि आपका भाई कन्या राशि का जातक है तो उसे सफेद रेशमी या हरे रंग की राखी पहनाएं। यह उनके लिए काफी शुभ होगी और वह आने वाले समय में तरक्की करेंगे।
तुला राशि
अगर आपके भाई की राशि तुला है, तो आप उसे हल्का नीला, सफेद या क्रीम रंग की राखी जरूर बांधे। इस रंग राखी आपके भाई के लिए बहुत ही ज्यादा शुभ होगी और वह आने वाले समय में सफलता की ऊंचाइयों को छुएगा।
वृश्चिक राशि
यदि आपके भाई वृश्चिक राशि का जातक है तो राखी के त्योहार पर आप उसे गुलाबी लाल या चमकीली राखी बांधे। यह उनके लिए काफी शुभ होगी साथ ही आप दोनों का रिश्ता और ज्यादा मजबूत होगा।
धनु राशि
यदि आपका भाई धनु राशि का जातक है तो उसे रक्षाबंधन वाले दिन पीले रंग की राखी जरूर बांधे। इस रंग की राखी धनु राशि जातकों के लिए बहुत ही ज्यादा शुभ होती है।
मकर राशि
यदि आपका भाई मकर राशि का जातक है तो उसे नीले या गहरे नीले रंग की राखी बांधें। यह उनके लिए काफी शुभ होगी साथ ही आपका और आपके भाई का रिश्ता और मजबूत होगा।
कुंभ राशि
यदि आपके भाई की राशि कुंभ है, तो उसे रुद्राक्ष से बनी राखी बांधे, अगर आपको कहीं रुद्राक्ष की राखी ना मिले तो आप अपने भाई को पीले रंग की राखी बांधे यह उसके लिए बहुत ही शुभ होगी।
मीन राशि
यदि आपका भाई मीन राशि का जातक है तो उसे पीले रंग की राखी बांधे, यह उसके लिए काफी शुभ हो होगी और वह आने वाले समय में घर परिवार और दोस्तों से बहुत ही अच्छी तरह से व्यवहार करेगा।