हिन्दू धर्म के अनुसार एकादशी व्रत को सर्वश्रेठ माना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार हर माह की शुक्ल व कृष्ण पक्ष की ग्याहरवीं तिथि को एकादशी व्रत रखा जाता है। इस प्रकार से एक वर्ष में कुल 24 एकादशी होती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचिनी एकादशी कहा जाता है। इस साल पापमोचिनी एकादशी 07 अप्रैल (बुधवार) के दिन है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-आराधना की जाती है और व्रत किया जाता है। एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और व्रत करने वालों पर उनकी विशेष कृपा बनी रहती है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन और व्रत करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
पापमोचनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि आरंभ- 07 अप्रैल 2021 प्रातः 02 बजकर 09 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त- 08 अप्रैल 2021 प्रातः 02 बजकर 28 मिनट पर
पारण का समय- 08 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से शाम 04 बजकर 11 मिनट तक
हरि पूजा का समय- 08 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 40 मिनट पर
पापमोचनी एकादशी का महत्व
पापमोचनी एकादशी को पापों का नाश करने वाली एकादशी माना जाता है। इस दिन व्रत करने से मनुष्य का तन-मन शुद्ध होता है और सभी पापों का नाश होता है। जो व्यक्ति नियमों के साथ पापमोचनी एकादशी का व्रत करने का और जीवन में गलत कार्यों को न करने का संकल्प करता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से मनुष्य को सभी दुखों से छुटकारा मिलता है और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति होती है।