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अखंड सौभाग्य पाने के लिए रखें कजरी तीज का व्रत, जानें पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

By Astro panchang | Aug 01, 2020

कजरी तीज का व्रत सुहागन स्त्रियों और कुंवारी कन्याओं के लिए बहुत ख़ास होता है। हरियाली तीज की तरह ही कजरी तीज में भी सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख के लिए व्रत रखती हैं। वहीं कुंवारी कन्याएं भी मनचाहा वर पाने की कामना से इस व्रत को कर सकती है। भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की तृतीया को कजरी तीज का त्यौहार मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 6 अगस्त को मनाया जाएगा। इस व्रत को कजली तीज, सातूड़ी तीज और बूढ़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। कजरी तीज का व्रत रखकर सुहागन स्त्रियां  भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करती हैं और अखंड सौभाग्य का वरदान मांगती हैं। इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन भी सुखमय बना रहता है और जीवन में किसी प्रकार की समस्या नहीं आती है।  

कजरी तीज की पूजन विधि 
कजरी तीज का व्रत करने वाली स्त्रियों को सुबह जल्दी उठकर, स्नान करने के बाद नए वस्त्र धारण करने चाहिए और श्रृंगार करना चाहिए। 

इस व्रत में शाम को नीमड़ी माता की पूजा की जाती है। पूजन करने के लिए मिट्टी व गोबर से दीवार के किनारे तालाब के जैसी आकृति बनाई जाती है। घी और गुड़ से पाल बांधा जाता है और उसके पास नीम की टहनी को रोपा जाता है। जो तालाब के जैसी आकृति बनाई जाती है उसमें कच्चा दूध और जल डाला जाता है। फिर दिया प्रज्वलित किया जाता है। थाली में नींबू, ककड़ी, केला, सेब, सत्तू, रोली, मौली, अक्षत आदि पूजा सामाग्री रखी जाती है। 

शाम के समय में नीमड़ माता की पूजा करने से पहले रोली और जल से छिंटे मारकर माता का आह्वावहन करें। इसके बाद नीमड़ माता की पीछे की दीवार पर मेंहदी, रोली और कुमकुम से 13-13 बिंदियां लगाएं। बिंदियां लगाने के बाद अपने दाएं हाथ की तर्जनी उंगली से काजल की बिंदी लगाएं। इसके बाद नीमड़ माता को रोली,वस्त्र और श्रृंगार आदि की वस्तुएं अर्पित करें। यह सभी वस्तुएं अर्पित करने के बाद कलश पर रोली बांधे और माता को फूलों के साथ कुछ दक्षिणा भी चढ़ाएं। सभी पूजा विधि पूरी करने के बाद किसी तालाब, नदी या बहते जल के पास जाकर एक दीपक जलाएं। दीपक जलाने के बाद उसकी रोशनी में नींबू, ककड़ी, नीम की डाली, नाक की नथ और साड़ी के पल्लु में चंद्रमा को देखते हुए अर्घ्य दें।
 
कजरी तीज शुभ मुहूर्त 2020
कजरी तीज का  त्यौहार 6 अगस्त को मनाया जाएगा। पांच अगस्त को रात 10:50 मिनट पर तृतीया तिथि आरंभ हो जाएगी। जो सात अगस्त की रात 12:14 बजे तक रहेगी। 
कजरी तीज का  त्यौहार 6 अगस्त को मनाया जाएगा। पांच अगस्त को रात 10:50 मिनट पर तृतीया तिथि आरंभ हो जाएगी। जो सात अगस्त की रात 12:14 बजे तक रहेगी।
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