हिन्दू धर्म की ऐसी मान्यता और विश्वास है कि देवी-देवताओं का पूजन करने से दुख-दर्द दूर होने के साथ, मन को शांति भी मिलती है। इसी कारण पुराने समय से ही मंदिरों के अलावा घर में भी पूजन की परंपरा चली आ रही है। जिन घरों में हर रोज पूजा की जाती है, वहां का वातावरण सकारात्मक और पवित्र रहता है, नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।
दीपक और अगरबत्ती के धुएं से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले सूक्ष्म कीटाणु भी मर जाते हैं। हिन्दू धर्म में शास्त्रों के अनुसार पूजा करने के कुछ जरूरी नियम बताए गए हैं, अगर इन नियमों का पालन करते हुए घर में पूजा की जाए तो अच्छा फल मिलता है। माता महालक्ष्मी सहित सभी देवी-देवताओं की कृपा बरसती है। घर के मंदिर में पूजा करते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
1. हर प्रकार की पूजा में चावलों को बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है, देवी देवताओं की पूजा में चावल विशेष रूप से चढ़ाए जाते हैं। शास्त्र की मानें तो पूजन के लिए ऐसे चावल का उपयोग करना चाहिए जो अखंडित, यानी टूटे हुए ना हों। चावल चढ़ाने से पहले इन्हें हल्दी से पीला करना बहुत शुभ माना जाता है। इसके लिए थोड़े से पानी में हल्दी घोल लें और उस घोल में चावल को डूबोकर पीला करें फिर भगवान को चढ़ाए इस से उनकी कृपा बरसने लगती हैं ।
2. पूजा कर्म में इस बात का खास ध्यान रखा जाए कि पूजा के बीच में अथवा बाद में दीपक बुझ जाता है। तो बुझी हुई बत्ती को तुरंत बदल देना चाहिए, और दीपक में हमेशा गाय के घी का ही उपयोग करना चाहिए।
3. पूजन में पान का पत्ता भी रखना भी शुभ होता है, ध्यान रखें पान के पत्ते के साथ इलाइची, लौंग, गुलकंद आदि भी चढ़ाया जाता है, पूरा बना हुआ पान चढ़ाया जाए तो श्रीभगवान प्रसन्न होंते है, जिससे आपका कार्य बनेगा।
4. किसी भी भगवान की पूजा में उनका आवाहन, ध्यान करना, स्नान करवाना, धूप-दीप जलाना, चावल, कुमकुम, चंदन, फूल, प्रसाद आदि चढ़ावा जरूरी रूप से करना चाहिए। देवी-देवताओं को हार-फूल, पत्तियां आदि अर्पित करने से पहले एक बार साफ पानी से जरूर धो लेना चाहिए ।
5. हिन्दू धर्म में सूर्य, गणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु, ये पंचदेव कहलाते हैं। इनकी पूजा सभी कार्यों में अनिवार्य रूप से की जाती है। हर रोज पूजा करते समय इन पंचदेव का ध्यान करना चाहिए, इससे महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है ।
6. पूजा में किसी भी प्रकार के कुल देवता, कुल देवी, घर के वास्तु देवता, ग्राम देवता आदि का ध्यान करना भी आवश्यक है। इन सभी का पूजन भी करना चाहिए। पूजा करते समय हम जिस आसन पर बैठते हैं, उसे पैरों से इधर-उधर खिसकाना नहीं चाहिए, आसन को हाथों से ही खिसकाना चाहिए और इसे अच्छे तरीके से रखना चाहिए।
7. घर में जब भी कोई विशेष प्रकार की पूजा करें तो अपने इष्टदेव के साथ ही स्वास्तिक, कलश, नवग्रह देवता, पंच लोकपाल, षोडश मातृका, सप्त मातृका का पूजन भी जरूरी रूप से किया जाना चाहिए। घर में पूजन स्थल के ऊपर कोई कबाड़ या भारी चीज न रखें। किसी भी अन्य प्रकार की अशुद्ध वस्तु नहीं रखनी चाहिए।
8. इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि भगवान शिव को हल्दी ना चढ़ाए और न ही शंख से जल चढ़ाना चाहिए । पूजन स्थल पर पवित्रता का विशेष ध्यान रखें, चमड़े का बेल्ट या पर्स अपने पास रखकर पूजा न करें,या किसी भी प्रकार का अशुभ पदार्थ अपने पास न रखें। पूजन स्थल पर कचरा इत्यादि न एकत्रित होने दे, ऐसा होने पर घर में दरिद्रता का वास होता हैं ।
9. घर पर पूजा करते समय सदैव ध्यान रखें कि भगवान की मूर्तियों को गलती से भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए। वहीं पूजा के दौरान जलाए जाने वाले दीपक को भी जमीन की जगह थोड़े से चावल रख कर उसपर रखना चाहिए। मंदिर में गणेश जी की दो मूर्तियां नहीं होनी चाहिए। मंदिर में कभी मूर्ति की तरफ पीठ करके न बैठें।
10. घर के मंदिर में सदैव हल्के पीले रंग का या लाल रंग का वस्त्र बिछाना चाहिए। इसके अलावा शंख माता लक्ष्मी को बहुत प्रिय है, इसलिए शंख को भी हमेशा किसी ऊंची जगह पर कपड़ा बिछाकर रखना चाहिए।