भगवान कृष्ण अपने हर रूप से भक्तों का मन मोह लेते हैं। कुछ लोग लड्डू गोपाल के रूप में श्री कृष्ण को अपने घर लाते हैं तो कुछ घर में उनकी मूर्ति स्थापित करवा कर भगवान की पूजा करते हैं। लेकिन घर में किसी भी देवी-देवता की मूर्ति स्थापित करने से जुड़े कुछ नियम होते हैं। अगर इन नियमों का पालन ना किया जाए तो पूजा-आराधना के बाद भी भगवान की कृपा प्राप्त नहीं होती। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि अगर अपने अपने घर में श्री कृष्ण की मूर्ति स्थापित की है तो आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही हम आपको बताएंगे कि घर के मंदिर से जुड़े जरूरी नियम भी बताएंगे -
घर में श्री कृष्ण की मूर्ति स्थापित करने के बाद करें इन नियमों का पालन -
घर में श्री कृष्ण की मूर्ति को उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें। वास्तुशास्त्र के अनुसार देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित करने के लिए उत्तर-पूर्व दिशा को बहुत शुभ माना जाता है।
अगर आपने घर के मंदिर में श्री कृष्ण की मूर्ति स्थापित की है तो घर में एक लकड़ी की बाँसुरी रखें। शास्त्रों के अनुसार श्री कृष्ण को अपनी बाँसुरी अतिप्रिय है इसलिए घर में बाँसुरी रखने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं।
भगवान श्री कृष्ण अपने माथे पर मोरपंख का मुकुट पहनते हैं इसलिए मंदिर में मोरपंख रखना शुभ माना जाता है। यदि मंदिर में श्री कृष्ण की मूर्ति कर रहे हों तो मोरपंख भी अवश्य रखें। इससे आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
भगवान श्री कृष्ण को माखन-मिश्री बहुत पसंद है इसलिए प्रतिदिन भगवान को माखन-मिश्री का भोग जरूर लगाएं।
राधा के बिना कृष्ण अधूरे हैं इसलिए घर में श्री कृष्ण की मूर्ति के साथ राधा की मूर्ति भी अवश्य रखें।
घर के मंदिर से जुड़े अन्य नियम -
घर में मंदिर हमेशा ईशान कोण यानि उत्तर-पूर्व दिशा में ही बनाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार शुभ कार्यों के लिए ईशान कोण को सबसे उत्तम माना गया है।
कभी भी दक्षिण दिशा में मंदिर को स्थापित नहीं करना चाहिए। दक्षिण दिशा को नकारत्मक शक्तियों की दिशा माना जाता है इसलिए दक्षिण दिशा में मंदिर होना अशुभ माना जाता है।
घर में पूजा का स्थल हमेशा साफ और स्वच्छ होना चाहिए। पूजा के स्थान पर जूते-चप्पल या चमड़े से बनी चीज़ें नहीं रखनी चाहिए। इसके साथ ही प्रतिदिन मंदिर की सफाई करनी चाहिए।
घर के मंदिर में गणेश जी की प्रतिमा अवश्य होनी चाहिए। लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि कभी भी मंदिर में गणेश जी की तीन मूर्तियाँ नहीं होनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार मंदिर में भगवन गणेश की तीन मूर्तियाँ होना अशुभ माना जाता है।
घर के मंदिर में शंख रखना शुभ माना जाता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि मंदिर में हमेशा एक ही शंख होना चाहिए। मंदिर में दो शंख होना अशुभ माना जाता है।
कभी भी मंदिर में खंडित मूर्तियाँ नहीं होनी चाहिए। यदि कोई मूर्ति खंडित हो गई हो तो उसे किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए।
मंदिर में भगवान को अर्पित किए जाने वाले फल-फूल हमेशा साफ होने चाहिए। मंदिर में फूल चढाने से पहले हमेशा साफ पानी से धो लें।
कभी भी घर के मंदिर में पूर्वजों की तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं की तस्वीर के साथ पूर्वजों की तस्वीर रखने से भगवान रुष्ट हो जाते हैं।