होम
कुंडली
टैरो
अंक ज्योतिष
पंचांग
धर्म
वास्तु
हस्तरेखा
राशिफल
वीडियो
हिन्दी न्यूज़
CLOSE

कल रखा जाएगा कजरी तीज का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

By Astro panchang | Aug 24, 2021

सुगहिन महिलाओं और कुँवारी कन्याओं के लिए कजरी तीज का व्रत बहुत खास होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की तृतीया को कजरी तीज का त्यौहार मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 25 अगस्त (बुधवार) को मनाया जाएगा। इस व्रत को कजली तीज, सातूड़ी तीज और बूढ़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन विवाहित महिलाऐं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और अखंड सौभाग्य का वरदान मांगती हैं। इस दिन चंद्रमा की पूजा भी की जाती है। यह व्रत देशभर में, खास तौर पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन भी सुखमय बना रहता है और जीवन में किसी प्रकार की समस्या नहीं आती है। आज के इस लेख में हम आपको कजरी तीज का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि बताने जा रहे हैं - 

कजरी तीज शुभ मुहूर्त
तृतीया तिथि प्रारम्भ – अगस्त 24, 2021 को शाम 04 बजकर 04 मिनट से 
तृतीया तिथि समाप्त – अगस्त 25, 2021 को शाम 04 बजकर 18 मिनट तक  

कजरी तीज की पूजन विधि 
कजरी तीज का व्रत करने वाली स्त्रियों को सुबह जल्दी उठकर, स्नान करने के बाद नए वस्त्र धारण करने चाहिए और श्रृंगार करना चाहिए। इस व्रत में शाम को नीमड़ी माता की पूजा की जाती है। पूजन करने के लिए मिट्टी व गोबर से दीवार के किनारे तालाब के जैसी आकृति बनाई जाती है। घी और गुड़ से पाल बांधा जाता है और उसके पास नीम की टहनी को रोपा जाता है। जो तालाब के जैसी आकृति बनाई जाती है उसमें कच्चा दूध और जल डाला जाता है। फिर दिया प्रज्वलित किया जाता है। थाली में नींबू, ककड़ी, केला, सेब, सत्तू, रोली, मौली, अक्षत आदि पूजा सामाग्री रखी जाती है। शाम के समय में नीमड़ माता की पूजा करने से पहले रोली और जल से छिंटे मारकर माता का आह्वावहन करें। इसके बाद नीमड़ माता की पीछे की दीवार पर मेंहदी, रोली और कुमकुम से 13-13 बिंदियां लगाएं। बिंदियां लगाने के बाद अपने दाएं हाथ की तर्जनी उंगली से काजल की बिंदी लगाएं। इसके बाद नीमड़ माता को रोली,वस्त्र और श्रृंगार आदि की वस्तुएं अर्पित करें। यह सभी वस्तुएं अर्पित करने के बाद कलश पर रोली बांधे और माता को फूलों के साथ कुछ दक्षिणा भी चढ़ाएं। सभी पूजा विधि पूरी करने के बाद किसी तालाब, नदी या बहते जल के पास जाकर एक दीपक जलाएं। दीपक जलाने के बाद उसकी रोशनी में नींबू, ककड़ी, नीम की डाली, नाक की नथ और साड़ी के पल्लु में चंद्रमा को देखते हुए अर्घ्य दें।

कजरी तीज पर बन रहा है यह शुभ योग
इस बार कजरी तीज के दिन यानी 25 अगस्त को सुबह 05 बजकर 57 मिनट तक धृति योग रहेगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस योग को बेहद शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस योग में किए गए कामों में सफलता हासिल होती है।
Copyright ©
Dwarikesh Informatics Limited. All Rights Reserved.