दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं, जिनके ऊपर भगवान का हाथ होता है, भगवान उनकी मदद करते हैं यहां हम कहें कि उनकी मदद के पीछे दैवीय शक्तियां होती हैं। यह हर किसी के साथ नहीं होता, किसी के ऊपर ज्यादा तो किसी पर कम।अधिकतर लोग ऐसे होते हैं जिनकी समस्याएं एक के बाद एक हल होती चली जाती हैं और वह इस बात से अनभिज्ञ होते हैं कि उनकी इस मदद के पीछे दैवीय शक्तियों का हाथ होता हैं। अब सवाल यह उठता है कि साधारण व्यक्ति कैसे पहचानें कि उसकी दैवीय शक्तियां मदद कर रही है या उसकी पूजा-पाठ-प्रार्थना का असर हो रहा है? यह बताने के लिए आज हम आपको कुछ ऐसे संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आपको समझ आ जाएगा कि आपके ऊपर दैवीय शक्तियों का आशीर्वाद हैं।
1.अच्छा चरित्र:
शास्त्र कहते हैं कि दैवीय शक्तियां सिर्फ उसी की मदद करती है, जो दूसरों के दुख को समझता है, जो बुराइयों से दूर रहता है, जो नकारात्मक विचारों से दूर रहता है, जो नियमित ढंग से अपने ईष्ट की आराधना करता है या जो पुण्य का काम में विश्वास रखता हैं। यदि आप समझते हैं कि मैं ऐसा ही हूं तो निश्चित ही दैवीय शक्तियां आपकी मदद कर रही हैं। आपको बस थोड़ा सा इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि आप अच्छे और सत्य के मार्ग पर हैं और आपको ऊपरी शक्तियां देख रही है।
2.ब्रह्म मुहूर्त में उठना:
विद्वान लोग कहते हैं कि यदि आपकी आंखें प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में अर्थात रात्रि 3 से 5 के बीच अचानक ही खुल जाती हैं तो आप समझ जाएं कि दैवीय शक्तियां आपके साथ हैं, क्योंकि यही समय होता है जब देवता जाग्रत रहते हैं। यदि आप अपने बचपन से लेकर जवानी तक इस समय के बीच उठते रहे हैं तो समझ जाएं कि दैवीय शक्तियां आपके माध्यम से कुछ करवाना चाहती हैं या कि वे आपको एक अच्छी आत्मा समझकर यह संकेत दे रहे हैं कि अब उठ जाओ, यह जीवन सोने के लिए नहीं है, आपको दुनिया में बहुत कुछ करना है। यह भी कहा जाता है कि सत्व गुण प्रधान लोग इस अवधि में स्वतः ही उठ जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार इस समय बहने वाली वायु को अमृततुल्य कहा गया है। यह अमृत वेला होता है। कहते हैं कि इस अवधि में दुनिया के केवल 13 प्रतिशत लोगों की ही नींद खुलती हैं।
3.सपनों में देव दर्शन:
यदि आपको बारंबार मंदिर या किसी देव स्थान के ही सपने आते हैं। सपने में आप आसमान में ही उड़ते रहते हैं या सपने में आप देवी-देवताओं से बातचीत करते रहते हैं तो आप समझे जयए कि दैवीय शक्तियां आप पर मेहरबान हैं।
4. पूर्वाभास:
यदि आपको आने वाली घटनाओं का पहले से ही ज्ञान हो जाता है या आपको आगामी समस्या का पूर्वाभास हो जाता है तो आप समझ जाइए कि दैवीय शक्तियों की आप पर कृपा हैं।
5. पारिवारिक प्रेम:
आपकी पत्नी, बेटा, बेटी और आपके सभी परिजन आपकी आज्ञा का पालन कर रहे हैं, वे सभी आपसे प्यार करते हैं और आप भी उनसे प्यार कर रहे हैं तो आप समझ जाइए कि दैवीय शक्तियां आप से प्रसन्न हैं।
6.भाग्य से भी तेज:
जीवन में आपको अचानक से लाभ प्राप्त हो जाता है। आपके किसी भी कार्य में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होती है और सभी कुछ आपको बहुत आसानी से मिल जाता है, तो आप समझ जाइए कि दैवीय शक्तियां आपकी मदद कर रही हैं।
7. सुगंधित वातावरण का अहसास:
यदि कभी-कभी आपको यह महसूस होता है कि मेरे आसपास कोई है या आपको बिना किसी कारण के अपने आसपास का किसी भी प्रकार की सुगंध का अहसास हो तो समझ जाइए कि अलौकिक शक्तियां आपके आसपास आपकी मदद के लिए हैं।
8.सुहानी हवा:
आप पूजा कर रहे हैं और अगर आपको लगे कि अचानक सुहानी हवा का झोंका या प्रकाश पुंज आ गया और शरीर में सिहरन दौड़ने लगे, जैसा आप के साथ पहले ऐसा कभी ना हुआ हो तो समझ जाइए देवी या देवता का आगमन हुआ हैं।
9. ठंडी हवा का घेरा:
भूमि पर रहते हुए भी कभी-कभी आपको यह अहसास हो कि मेरे आसपास बादल या ठंडी हवा का एक पुंज है जिसने मुझे घेरा हुआ है तो आप समझ जाइए कि अलौकिक या दैवीय शक्ति ने आपको घेर रखा हैं। ऐसा अक्सर बहुत ज्यादा पूजा-पाठ करने वाले व्यक्ति के साथ होता है।
10.रोशनी का पुंज:
अचानक ही आपको तेज रोशनी का पुंज दिखाई दे जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते या आपको अचानक ही कानों में मधुर संगीत सुनाई दे और आप आर्षचर्य करें कि यहां आसपास तो कोई संगीत बज ही नहीं रहा फिर भी कानों में सीटी बजने जैसा कुछ सुनाई दे, तो समझ जाइए कि आप दैवीय शक्ति के सानिध्य में हैं। ऐसा अक्सर उन लोगों के साथ होता है, जो निरंतर ही अपने ईष्टदेव का मंत्र जप कर रहे होते है।
11.किसी की आवाज सुनाई देना:
आप रात्रि में गहरी नींद में सो रहे हैं और आपको लगता है कि किसी ने मुझे आवाज दी और आप अचानक ही उठ जाते हैं, लेकिन फिर आपको आभास होता है कि यहां तो कोई नहीं है चारों तरफ अंधेरा पसरा हुआ है, लेकिन आवाज तो स्पष्ट थी। ऐसा आपके साथ कई बार होता होगा तो आप समझ जाइए कि आप पर किसी अलौकिक शक्ति की मेहरबानी हैं। ऐसे में आप हनुमानजी का स्मरण करें और उन्हें धन्यवाद दें।