हिंदू धर्म में मां पार्वती की महिमा का विशेष वर्णन मिलता है। माना जाता है कि मां पार्वती के साथ भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी परेशानियां दूर होती हैं। व्यक्ति के जीवन में खुशियों और सुख-समृद्धि का आगमन होता है। मां पार्वती की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए कई भक्त मंदिरों में दर्शन के लिए आते हैं। देशभर में मां पार्वती को समर्पित ऐसे कई मंदिर हैं, जो किसी न किसी रहस्य के कारण फेमस हैं।
बता दें कि मां पार्वती को समर्पित एक ऐसा ही मंदिर मध्यप्रदेश के इंदौर में भी है। यहां पर भक्तों द्वारा मांगी गई सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं। इस मंदिर का नाम पार्वती मंदिर है और यह करीब 500 साल पुराना है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस मंदिर के इतिहास और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।
जानिए मंदिर की मान्यता
बता दें कि यह मंदिर इंदौर से 50 किलोमीटर दूर विंध्याचल पर्वत 3000 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। इसके चारों तरफ घना जंगल है। वहीं मंदिर की मान्यता काफी दूर-दूर तक फैली है। भक्तों को इस मंदिर में मां पार्वती के अलग-अलग रूप में दर्शन करने का सौभाग्य मिलता है। इस मंदिर में मां पार्वती को असुर महिषासुर का वध करते दिखाया गया है। माना जाता है कि जो भी भक्त इस मंदिर में सच्चे मन से जो भी मुराद मांगते हैं, उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।
बहुत पुराना है इस मंदिर का इतिहास
धार्मिक मान्यता के मुताबिक राजा इंद्र ने इस मूर्ति की स्थापना की थी। यह प्रतिमा अष्टभुजाधारी है और पांच फीट ऊंची है। इस मंदिर का इतिहास करीब 500 साल पुराना है और यह मंदिर जाम खुर्द गांव में है। मां पार्वती को समर्पित यह मंदिर परिसर एक हेक्टेयर से अधिक फैला हुआ है। बताया जाता है कि मंदिर में स्थापित मां पार्वती की प्रतिमा तीन रूप बदलती है। वहीं नवरात्रि के मौके पर इस मंदिर में खास रौनक देखने को मिलती है, यहां पर भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
ऐसे पहुचें पार्वती माता मंदिर
अगर आप भी मां पार्वती के इस मंदिर में जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आप इंदौर से बड़गोंदा और मेण के मार्ग से यहां तक बड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं।