बेंगलुरू में कई ऐसे मंदिर हैं, जो पूरे भारत में सबसे ज्यादा फेमस और खास माने जाते हैं। बेंगलुरू को सिलिकॉन सिटी के नाम से जाना जाता है। इस शहर में बहुत सारी इमारतें और पार्क हैं। बेंगलुरू की ऐतिहासिक जगहें देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी फेमस हैं। बेंगलुरु में एक ऐसा मंदिर है, जो मां काली को समर्पित है। वैसे तो आपने मां काली को समर्पित तमाम मंदिर देखे होंगे, लेकिन बेंगलुरू का यह मंदिर सबसे खास है।
मां काली को समर्पित मंदिरों में काली मां की प्रतिमा या तस्वीरें क्रोध वाली देखी होंगी। अक्सर मां काली अपनी जीभ निकाले गुस्से से देख रही हैं। लेकिन बता दें कि बेंगलुरु के इस मंदिर में मां काली का शांत स्वरूप देखने को मिलेगा। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बेंगलुरु के मां काली को समर्पित इस खास मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं।
मां काली का अनोखा मंदिर
मां काली को समर्पित इस मंदिर में मां सौम्य रूप में विराजमान हैं। यह मंदिर गविपुरम गुट्टाहल्ली में केम्पमबुधि झील के किनारे एक पहाड़ी पर है। मां काली के दर्शन के लिए पहाड़ी पर चढ़ाई करनी पड़ती है। वहीं इस मंदिर में मां काली का रूप एक चट्टान पर दिखेगा। क्योंकि चट्टान पर देवी काली के स्वरूप को उकेरा गया है। देखने से आपको लगेगा कि यहां पर मां काली की मूर्ति चट्टान काटकर बनाई गई है। इस मूर्ति को करीब 3 फीट ऊंचा बनाया गया है। इस मंदिर में मां काली मुस्कुराते हुए शांत रूप में नजर आती हैं। यह भारत के फेमस मंदिरों में से एक है।
कैसे पहुंचे मंदिर
बता दें कि इस मंदिर में भले ही मां काली शांत रूप में हैं, लेकिन यहां पर मंत्र, वशीकरण, जादू और नजर दोष का इलाज होता है। माना जाता है कि पूर्णिमा और अमावस्या के दिन लोग अपनी समस्याओं के निपटारे के लिए खास तौर पर पूजा करवाते हैं।अमावस्या के अलावा शुक्रवार और मंगलवार के दिन मंदिर में आना शुभ माना जाता है। वहीं अभिषेक जल प्राप्त करने के लिए मंदिर के अंदर रहने का समय सुबह 10:30 से 11:30 बजे तक है।
बस से- आप केन्गेरी बस टर्मिनल से यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां से मंदिर पहुंचने में आपको करीब 15 से 20 मिनट का समय लग सकता है।
समय- सुबह 06:30 से शाम 08:30 मिनट तक।
यह बेंगलुरू के फेमस मंदिरों में से एक है।