हिंदू पंचांग के अनुसार, 24 जुलाई 2021 को आषाढ़ मास के समापन के बाद सावन का महीना आरंभ होगा। पंचांग के अनुसार, इस बार श्रावण या सावन मास 25 जुलाई 2021 से आरंभ होकर 22 अगस्त तक रहेगा। इस बार सावन मास में कुल 4 सोमवार पड़ रहे हैं। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। माना जाता है कि इस महीने में भगवान शिव की पूजा-आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।सावन के महीने में शिवभक्त महादेव को प्रसन्न करने के लिए कांवड़ यात्रा निकालते हैं। शिवभक्त कांवड़ में जल भरकर शिवधाम तक पहुँचते हैं और भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रावण मास में भगवान शिव अपनी ससुराल यानी हरिद्वार के कनखल में रहते हैं। यही वजह है कि शिवभक्त कांवड़ में गंगाजल भरकर शिवजी को अर्पित करते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कावड़ यात्रा किसी भी जलस्रोत से किसी भी शिवधाम तक की जाती है। शिवभक्त मुख्य तौर पर इन जगहों पर कांवड़ यात्रा निकालते हैं -
नर्मदा से महाकाल तक
गंगाजी से नीलकंठ महादेव तक
गंगा से बैजनाथ धाम (बिहार) तक
गोदावरी से त्र्यम्बक तक
गंगाजी से केदारेश्वर तक
पौराणिक कथाओं के अनुसार कांवड़ यात्रा सर्वप्रथम भगवान परशुराम ने शुरू की थी। मान्यताओं के अनुसार उन्होंने पुरामहादेव को प्रसन्न करने के लिए गढ़मुक्तेश्वर से गंगा जल ले जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया था। तभी से सावन मास में कांवड़ यात्रा निकालने की परंपरा शुरू हो गई। एक अन्य प्रचलित कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान विष पीने से भोलेनाथ का शरीर जलने लगा था। तब सभी देवताओं ने भगवान शिव पर जल अर्पित करना शुरू किया। इससे उनके शरीर को ठंडक मिली।