ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हर एक चीज का संबंध व्यक्ति के जीवन से होता है। सूर्य देव को जल अर्पित करने से लेकर पेड़-पौधों में जल देने तक के नियम होते हैं। वहीं अलग-अलग धातु के लोटे से जल देने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। मान्यता के मुताबिक सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल देने से व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
इसके साथ ही पेड़-पौधों में भी जल देने के नियम बताए गए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बेलपत्र के पौधे में किस धातु के लोटे से जल देना शुभ माना जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
तांबे का पात्र
आपको बता दें कि तांबे का संबंध सूर्य और मंगल से होता है। इसलिए अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य और मंगल दोष है। तो उस व्यक्ति को तांबे के लोटे से बेलपत्र के पौधे में जल देना चाहिए। इससे सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं और ग्रह दोष से भी छुटकारा मिल सकता है।
स्टील का पात्र
भगवान शिव को बेलपत्र बेहद पसंद हैं। वहीं सोमवार का दिन भी भगवान शिव को समर्पित है। सोमवार के दिन जो भी जातक स्टील के बर्तन से बेलपत्र के पौधे में जल अर्पित करता है, उस पर हमेशा महादेव की कृपा बनी रहती है। साथ ही व्यक्ति की मनोकामना भी पूरी होती है।
मंदिर में स्थित बेलपत्र का पेड़
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यदि मंदिर में बेलपत्र का पौधा हो, तो वहां पर जल चढ़ाना अत्यंत शुभ फलदाई माना जाता है। मंदिर में भगवान शिव की पूजा के बाद बेलपत्र के पेड़ पर जल अवश्य चढ़ाएं। तभी पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
पीतल का पात्र
बता दें कि पीतल का संबंध बृहस्पति ग्रह से है। यदि किसी जातक की कुंडली बृहस्पति ग्रह की स्थिति कमजोर है। तो पीतल के पात्र से बेलपत्र पर जल चढ़ाना चाहिए। इससे लाभ होने के साथ ही ग्रह दोष दूर हो सकता है।
चांदी का पात्र
चांदी का संबंध शुक्र और चंद्र ग्रह से होता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र और शुक्र ग्रह कमजोर है, तो चांदी के पात्र से बेलपत्र के पेड़ पर जल अर्पित करना चाहिए। इस उपाय को करने से दोनों ग्रहों की स्थिति अनुकूल बनी रहती है। साथ ही इससे व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं।